बीजेपी ने रविवार को चुनाव रणनीतिकार और जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की टीम पर पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के कामकाज में हस्तक्षेप करने और वरिष्ठ अधिकारियों पर उनका आदेश मानने के लिए दबाव बनाने का आरोप लगाया। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर की टीम राज्य सरकार के कार्यों मे हस्तक्षेप कर रही है।
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने रविवार को कहा कि हमें इस बात से कोई समस्या नहीं है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद को और अपनी पार्टी को बचाने के लिए किसकी मदद ले रही हैं। लेकिन समस्या इस बात से है कि जिस प्रशांत किशोर को राजनीतिक रणनीतिकार नियुक्त किया गया है।वे सरकार के कार्यों में हस्तक्षेप कर रहे हैं। यहां तक कि मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रशांत किशोर और उनकी टीम की बात मानने के लिए बाध्य कर रही हैं।
राहुल सिन्हा ने मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि प्रशांत किशोर और उनकी टीम के सदस्य सरकारी कार्यालयों का दौरा कर रहे हैं और अधिकारियों को आदेश दे रहे हैं कि उन्हें क्या करना चाहिए, क्या नहीं। उन्होंने कहा कि समस्या इस बात से है कि वे सरकारी अधिकारियों को सौंपे गए कार्य में हस्तक्षेप कर रहे हैं। ये अस्वीकार्य है।
दूसरी ओर राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट और बीजेपी के आरोप दोनों निराधार हैं। इस तरह का कुछ भी नहीं हुआ है। कोई भी सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है। इधर पीके की संस्था आईपैक के अधिकारियों ने भी आरोपों से इनकार किया है।
बता दें कि लोकसभा में खराब प्रदर्शन के बाद तृणमूल कांग्रेस ने 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लोकप्रियता बढ़ाने के लिए आई-पीएसी की सेवाएं ली हैं। किशोर की सलाह पर तृणमूल प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी से सीधे संपर्क करने और अपनी शिकायतें एवं सुझाव देने के लिए हेल्पलाइन नंबर और वेबसाइट लॉन्च किया है।