भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी, अब लोन लेकर भागने वालों की खैर नहीं

NEWS4NATION DESK : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक' को मंजूरी दे दी है। इस नये कानून से बैंकों के साथ धोखाधड़ी करने वाले अपराधी अब देश छोड़कर भाग नहीं सकेंगे। इस नए कानून के तहत प्राधिकृत विशेष अदालत को किसी व्यक्ति को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने और उसकी बेनामी और अन्य संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होगा। वहीं जब्ती आदेश की तारीख से जब्त की गई सभी संपत्तियों का अधिकार केंद्र सरकार के पास रहेगा।
25 जुलाई 2018 को राज्य में हुआ था पारित
बता दें कि लोकसभा ने इस विधेयक को 19 जुलाई 2018 को मंजूरी दी थी। वहीं 25 जुलाई को भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक, 2018 राज्यसभा में पारित हुआ था। इस कानून के तहत न्यूनतम 100 करोड़ रुपए की सीमा को उचित ठहराते हुए वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संसद में कहा था कि इसके पीछे मकसद अदालतों में मामले बढ़ाना नहीं बल्कि बड़े अपराधियों को पकड़ना है। उन्होंने कहा था कि कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय जांच एजेंसी का काम करेगा।
कौन होते हैं भगोड़ा आर्थिक अपराधी?
भगोड़ा आर्थिक अपराधी वो व्यक्ति होता है, जिसके खिलाफ 100 करोड़ रुपए या उससे ज्यादा मूल्य के चुनिंदा आर्थिक अपराधों में शामिल होने की वजह से गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया हो, और वो क्रिमिनल प्रोसेक्यूशन से बचने के लिए देश से बाहर भाग गया हो।
गौरतलब है कि देश के दो बड़े व्यवसायी विजय माल्या और नीरव मोदी की आर्थिक अपराध मामले में तलाश है। दोनों ही देश के कई बैंकों को अरबों रुपये का चूना लगाकर देश छोड़कर लंबे समय से फरार हैं। सीबीआई दोनों के मामलों की जांच कर रहा है।