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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मान ली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग, अब साकार होगा बिहार की किस्मत बदलने वाला काम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मान ली मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग, अब साकार होगा बिहार की किस्मत बदलने वाला काम

पटना. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जो काम एनडीए में रहकर नहीं करवा पाए उस काम को अब केंद्र की मोदी सरकार ने मंजूरी दे दी है. इससे नीतीश कुमार का एक दशक से पहले देखा गया सपना अब साकार होता नजर आ रहा है. साथ ही यह बिहार की किस्मत में बड़ा बदलाव करने की पहल के रूप में भी देखा जा रहा है. दरअसल नीतीश कुमार पिछले लम्बे अरसे से कहते आए हैं कि बिहार में हर साल गंगा में आने वाली बाढ़ सहित अन्य नदियों के उपलाने के एक बड़ा कारण गाद है. नीतीश कुमार हमेशा से गाद सफाई को लेकर राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग करते रहे हैं. अंततः अब नीतीश कुमार की उस मांग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार साकार करने जा रही है.  

कोलकाता में हुए पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने भरोसा दिया कि केन्द्र सरकार शीघ्र ही राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति लाने जा रही है. बिहार समेत देशभर की नदियों को गाद से मुक्ति दिलाने के लिए केंद्र सरकार यह पहल करेगी. बैठक में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी शामिल हुए थे. साथ ही झारखंड, पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री और ओडिशा के प्रतिनिधि भी शामिल हुए थे. बिहार द्वारा इस बड़ी समस्या को उठाए जाने के बाद केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के सचिव ने बताया कि गाद प्रबंधन नीति शीघ्र ही यह आएगी. इसी बैठक में राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति लाने पर बिहार से ध्यानआकृष्ट कराया गया. प्रतिउत्तर में अमित शाह ने भरोसा दिया कि राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति लाने के लिए केंद्र सरकार पहल करने वाली है. 

वहीं बैठक में बिहार ने ऊपरी महानंदा सिंचाई योजना के तहत राज्य के सीमांचल के जिले किशनगंज के 67 हजार एकड़ की सिंचाई योजना को क्रियान्वित करने पर जोर दिया. बिहार की ओर कहा गया कि इसके लिए पश्चिम बंगाल की फुलवारी डैम से बिहार को पानी दी जाए जिस पर सहमति बनी. योजना के तहत पश्चिम बंगाल के 8 किमी क्षेत्र में अंडरग्राउंड पाइप के जरिये पानी बिहार के कैनाल में लाने का प्रस्ताव रखा गया.  गृह मंत्री ने इसका स्वागत किया तथा अपनी सहमति भी दी.

दरअसल, नीतीश कुमार ने बिहार में नदियों के मानसून के दौरान उपलाने का एक बड़ा कारण उनके बहाव क्षेत्र में जमा हुआ गाद को बताया है. यहां तक कि हर साल गाद की मात्रा बढ़ रही है. ऐसे में जलस्तर में मामूली वृद्धि के साथ ही बाढ़ का विकराल रूप दिखने लगता है. इसी कारण गाद प्रबंधन को समय की मांग बताते हुए नीतीश कुमार कई मंचो से केंद्र सरकार के सामने इस मांग को रख चुके हैं. अब नीतीश कुमार की इस मांग पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक पहल दिखाई है. अमित शाह ने भरोसा दिया है कि न सिर्फ बिहार बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर गाद प्रबंधन की नीति केंद्र सरकार लाएगी. 


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