HAZARIBAGH : नीट पेपरलीक केस की जांच कर रही सीबीआई ताबड़तोड़ गिरफ्तारी कर रही है। जहां बीते गुरुवार को पटना मे दो युवकों को गिरफ्तार किया था। वहीं अब हजारीबाग में संचालित स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही झारखंड के एक हिंदी दैनिक के पत्रकार को भी पकड़ा गया है। माना जा रहा है कि दोनों को पूछताछ के लिए पटना लाया जा सकता है।
जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किया गया शख्स डा. एहसान उल हक है, वह ओएसिस स्कूल का प्रिंसिपल था। साथ ही एग्जाम हजारीबाग के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी उनके पास थी। वहीं वाइस प्रिंसिपल का नाम इम्तियाज आलम बताया गया है.
सीबीआई गुरुवार को पूछताछ के लिए हजारीबाग के चरही गेस्ट हाउस लेकर पहुंची थी. सीबीआई की टीम ने पहले एहसान-उल-हक से इसी गेस्ट हाउस में पूछताछ की। अब आगे की पूछताछ पटना में होगी।
दो पत्रकारों का नाम आया सामने
प्रिंसिपल एहसान उल हक के साथ दो पत्रकारों का कनेक्शन सीबीआई में ट्रैक किया था. यह दोनों झारखंड के एक के हिंदी दैनिक से जुड़े हुए हैं. सीबीआई टीम जिस पत्रकार को पटना लेकर आ सकती है उसका नाम सलाउद्दीन बताया जा रहा है. पत्रकार और प्रिंसिपल के बीच पेपर लीक और नीट परीक्षा के दौरान लगातार बातचीत होती रही.एहसान उल हक के कॉल डिटेल्स के आधार पर पत्रकार को सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया था.
क्यों आया ओएसिस स्कूल का नाम
दरअसल, नीट पेपर लीक मामले की जांच के दौरान बिहार पुलिस को गिरफ्तार अभ्यर्थियों के घर से अधजले कागजात मिले थे, इसमें प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी भी थी. इसके बाद बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इन जले हुए कागजात का मिलान एनटीए द्वारा उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से किया, जिसमें अधजले कागजात में 68 प्रश्न मूल प्रश्नपत्र से हूबहू पाए गए. आगे की जांच में सामने आया कि पुलिस को जो प्रश्नपत्र मिले हैं, वे हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के बुकलेट से मेल खाते हैं. इसके बाद से ही ओएसिस स्कूल पर सीबीआई की नजर है.
इस मामले को लेकर प्रिंसिपल एहसान उल हक ने आजतक पर सफाई देते हुए खुद को बेकसूर बताया था. लेकिन EOU सूत्रों के मुताबिक उनकी भूमिका संदिग्ध है.
बता दें कि ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक CBSE के सिटी कोऑर्डिनेटर भी हैं. उनके पास चार जिले हजारीबाग, चतरा, कोडरमा और रामगढ़ के सेंटर आते हैं, जहां CBSE कई एग्जाम कंडक्ट कराती है.