NEWS4NATION DESK: 'साहब बीवी और गैंगस्टर'
में एक अहम किरदार निभा चुके ऐक्टर करण बुटानी ने इस मूवी को डायरेक्ट किया है, और
कुछ वैसे ही किरदार मूवी में भी उतारा है. मूवी का इंतज़ार लोगो को लम्बे समय से था
लेकिन यह इंतज़ार जायज़ नहीं लग रहा. बॉक्स ऑफिस में रिलीज़ होते ही मूवी बुरी तरह से
पिट गयी है. मूवी फ्लॉप होने का सबसे बड़ा कारण घिसी-पीटी कहानी है.
बात अगर एक्टिंग की
करे तो माही गिल की इमेज बोल्ड ऐक्ट्रेस की है लेकिन यहां फिल्म में उनके हिस्से में
चंद सीन आए और इनमें भी स्कूल टीचर बनी माही साड़ी में नजर आती है. इस फिल्म की इकलौती
यूएसपी पंकज त्रिपाठी की जबर्दस्त ऐक्टिंग है जबकि केके मेनन, जिमी शेरगिल, श्रिया
सरन ने अपने किरदारों को बस निभा भर दिया.
मूवी शुरू के कुछ वक्त
तो अच्छी लगती है, लेकिन फिर डायरेक्शन की कमी साफ दिखने लगती है. इतने बड़े-बड़े एक्टर्स
के होते हुए भी डायरेक्टर ने मूवी में मसाला नहीं डाला है. एडिटिंग में भी कुछ खासा
दम नहीं नज़र आया है. कहानी के किरदारों को कुछ ऐसे रचा गया है कि दर्शक इन किरदारों
के बारे में ही पूरी तरह से जान नहीं पाते. मूवी को 5 में से केवल 2 रेटिंग मिली है.

मूवी की कहानी चम्बल
घाटी के स्थिति को साफ-साफ दर्शाता है. कहानी चम्बल के गांव से शुरू होती है, जहाँ
दंबग शंभू (जैकी श्रॉफ), कड़क सिंह (केके मेनन) पर गोली चलाता है क्योंकि कड़क सिंह
शादी के मंडप से दुल्हन को उठाकर ले जाना चाहता है, जो शंभू की बेटी होती है. शंभू,
कड़क सिंह पर गोली चलाता है लेकिन गोली दुल्हन को लगती है और वह वहीं दम तोड़ देती
है, शंभु जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाता है. अब कड़क सिंह गिरोह का हेड बन जाता है
और गांव के अय्याश, भ्रष्ट विधायक राम विजय त्रिपाठी (पंकज त्रिपाठी) को लड़कियां पहुंचाने
का काम करने लगता है. इसी बीच एक दिन त्रिपाठी की नजर स्कूल टीचर रोजी (माही गिल) पर
पड़ती है. त्रिपाठी रोजी के साथ जबर्दस्ती करने की कोशिश करता है लेकिन रोजी उसका विरोध
करती है. इसी बीच त्रिपाठी रोजी की गोली मार कर हत्या करके जेल पहुंच जाता है.
इसी कहानी का अगला
किरदार राधे (जिमी शेरगिल) है जो स्कूल में रोजी का स्टूडेंट है और मन ही मन टीचर को
चाहता है. वक्त गुजरता है, कुछ साल बाद राधे की शादी लल्ली (श्रिया सरन) से होती है
और उधर राम सेवक त्रिपाठी जेल से छूट कर बाहर आ चुका है और अब वह क्षेत्र का विधायक
नहीं बल्कि सांसद है. एक दिन त्रिपाठी गांव में राधे की खूबसूरत वाइफ लल्ली को देखता
है और किसी भी सूरत में लल्ली को हासिल करना चाहता है. त्रिपाठी एकबार फिर कड़क सिंह
पर अपना दबाव बनाकर लल्ली के साथ संबध बनाना चाहता है. कड़क सिंह ना चाहते हुए भी त्रिपाठी
की इस काम में इसलिए मदद करता है कि उसके गैरकानूनी काम त्रिपाठी की कृपा से ही चलते
है. इसके आगे की कहानी देखने के लिए आपको मूवी देखनी होगी.