Desk: भारत के पूर्व राजदूत कात्यायनी शंकर बाजपेयी का रविवार को निधन हो गया. केएस शंकर बाजपेयी अमेरिका और पाकिस्तान में भारत के राजदूत रह चुके हैं. रविवार को 92 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
केएस बाजपेयी को भारत-अमेरिकी संबंधों को नई ऊंचाई देने में काफी अहम माना जाता है. रिटायर होने के बाद केएस बाजपेयी ने अमेरिका के कई अकादमिक संस्थानों में अपनी सेवाएं दीं.
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में भी उन्होंने अपनी सेवा दी. वे 2008 से 2010 तक नेशनल सिक्योरिटी एडवायजरी बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे. अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को नई ऊंचाई देने में उनका रोल इतना अहम था कि सरकारें अक्सर उनसे सलाह लिया करती थीं. केएस बाजपेयी सिक्किम में 1970 से 1974 तक सरकार के राजनीतिक अधिकारी थे. सिक्किम को भारत में विलय कराने में उनकी भूमिका सबसे महत्वपूर्ण थी.
केएस बाजपेयी के निधन पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शोक व्यक्त किया है. विदेश मंत्री ने बाजपेयी को अपना पथ प्रदर्शक और दोस्त बताया है. एक ट्वीट में एस. शंकर ने लिखा कि केएस बाजपेयी के निधन से वे काफी दुखी हैं और वे हमेशा याद रहेंगे. केएस बाजपेयी का जन्म 1928 में जयपुर में हुआ था. उनके पिता गिरिजा शंकर बाजपेयी देश के वरिष्ठ राजनयिक थे.