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शराब पार्टी करनेवाले पंचायत समिति सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के काम पर उठे सवाल, परिजनों ने कहा सारे आरोप झूठे

शराब पार्टी करनेवाले पंचायत समिति सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के काम पर उठे सवाल, परिजनों ने कहा सारे आरोप झूठे

KHAGDIYA : आलीशान होटल में बैठकर शराब के जाम छलखाने को लेकर दो पंचायत समिति सदस्यों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस मुश्किलों में घिरती हुई नजर आ रही है। बताया जा रहा है कि दोनों सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद भी दर्ज एफआईआर में न तो शराब पीनेवालों का नाम दर्ज किया गया और न ही इस बात की जानकारी दी गई है कि शराब का सेवन कहां और कब किया गया। अब दोनों पंचायत समिति सदस्यों के परिजन पुलिस की इस कार्रवाई को फर्जी करार देते हुए कोर्ट जाने की तैयारी में हैं।

मामला जिले के चौथम थाने से जुड़ा है। जहां चौथम प्रखण्ड के पिपरा पंचायत के नवनिर्वाचित दो पंचायत समिति सदस्यों को नेपाल के आलीशान होटल में शराब पीकर ठुमका लगाते एक वीडियो सामने आया था। इसी मामले में दोनो के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जिसके बाद पुलिस ने दोनो पंचायत समिति सदस्यों को सदर अनुमंडल कार्यालय के पास से गिरफ्तार कर लिया था। लेकिन अब इसको लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। 

FIR में न नाम और शराब पीनेवाली जगह की जानकारी, मेडिकल जांच भी नहीं कराया

दोनों सदस्यों के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने अपने एफआईआर में न तो गिरफ्तार करनेवाले लोगों का नाम दर्ज किया है। न ही इस बात का जिक्र किया है उन्होंने कहां शराब पी और कब शराब पी। यहां तक कि किसी भी गिरफ्तारी से पहले मेडिकल जांच कराया जाना होता है। लेकिन चौथम पुलिस ने यह कराना भी जरुरी नहीं समझा। परिजनों का कहना है कि उन्होंने शराब का सेवन किया, इस बात का भी कोई साक्ष्य नहीं है। 

इस कांड में धारा 67 IT Act लगाया गया है जबकि यह खबर किसने वाइरल किया इसका क्या श्रोत है ,यहां तक कि उस श्रोत की जांच एवं जब्ती का भी उल्लेख प्राथमिकी में कोई उल्लेख नहीं है।इस घटना कांड का घटना स्थल कहाँ है तथा इस घटना के गवाह कौन है इसका भी उल्लेख क्यों नहीं किया गया, यह भी हैरान करनेवाला है।

पुलिस के खिलाफ जाएंगे हाईकोर्ट

परिजनों का कहना था कि पंचायत समिति सदस्य पद पर शपथ और प्रखंड प्रमुख के पक्ष में मतदान करने से रोकने की कोशिश की गई। उन्होंनेआरोप लगाया कि थानेदार द्वारा विरोधियों से साठगांठ कर दोनों को फंसाने की साजिश की गई है। उनका कहना था कि थानेदार ने बिना जांच के गिरफ्तारी की गई। अब परिजनों ने थानेदार के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर करने की बात कही है। 


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