दिल्ली. राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की पुण्यतिथि पर कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने हिंदुत्ववाद को निशाने पर लिया है. लेकिन उनके तंज से अब नया बवाल हो गया है. महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उन्हें याद करते हुए हिंदुत्व को लेकर बिना किसी संगठन का नाम लिए हिंदुत्ववाद से प्रेरित संगठनों जैसे आरएसएस, भाजपा पर हल्ला बोला. राहुल गांधी ने ट्वीट किया, 'एक हिंदुत्ववादी ने गांधी को गोली मारी थी. सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी नहीं रहे. जहां सत्य है, वहां आज भी बापू जिंदा हैं!'
दरअसल राहुल गांधी हमेशा से गोडसे को हिंदुत्ववादी करार देते आए हैं. वहीं उनके कुछ पूर्व के बयानों में वे भाजपा और आरएसएस के लोगों को भी हिंदुत्ववादी मानते हैं. हालाँकि राहुल के अनुसार हिंदू और हिंदुत्ववादी में फर्क है. राहुल खुद को हिंदू बताते हुए भाजपा से जुड़े लोगों को हिंदुत्ववादी करार देते हैं. अब राहुल के इस तंज से नया बवाल मच गया है. उनके ट्वीट पर कई लोगों ने आपत्ति जताते हुए इसे हिंदुओं के खिलाफ की गई टिप्पणी करार दिया. कई लोगों ने राहुल के खिलाफ ट्वीट कर अपनी भड़ास निकाली.
राहुल ने गांधी जी के पसंदीदा भजन रघुपति राघव राजा राम और चश्मे वाली फोटो शेयर करते हुए लिखा- एक हिंदुत्ववादी ने गांधी जी को गोली मारी थी. सब हिंदुत्ववादियों को लगता है कि गांधी जी नहीं रहे। जहां सत्य है, वहां आज भी बापू ज़िंदा हैं. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी को गोली मारी थी. इसलिए इस दिन को शहीद दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है.
इस बीच. शनिवार को महाराष्ट्र में ठाणे जिले की एक अदालत ने कहा है कि राहुल गांधी के खिलाफ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यकर्ता द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे की सुनवाई पांच फरवरी से रोजाना की जायेगी. दीवानी अदालत के न्यायाधीश और भिवंडी में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जेवी पालीवाल ने यह आदेश जारी किया है. इस मामले में राहुल के खिलाफ आरोप तय किये गये हैं.
चार साल पहले 2018 में राहुल गांधी ने अपने भाषण में आरोप लगाया था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे संघ का हाथ था. आरएसएस के एक स्थानीय कार्यकर्ता राजेश कुंते ने उन पर मुकदमा करते हुए कहा कि राहुल के बयान से आरएसएस की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. ठाणे की अदालत ने 2018 में मामले में राहुल के खिलाफ आरोप तय किये थे, हालांकि राहुल गांधी आरोपों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. इस क्रम में सुप्रीम कोर्ट के एक हालिया आदेश का हवाला देते हुए अदालत ने कहा है कि राहुल के खिलाफ मामला भी इसी श्रेणी के तहत आता है और अत: इस पर प्राथमिकता से, तेजी से और नियमित आधार पर सुनवाई किये जाने की जरूरत है.