DESK. सियासत के मैदान में जो सियासतदान चालबाज होते हैं, जरूरी नहीं हर जगह उनकी चाल और दांव -पेंच सही साबित हो. कुछ ऐसा ही हुआ है कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ जिन्हें सियासी आखाड़े के बाहर भी अब चारों खाने चित होना पड़ा है. स्थिति ऐसी कि राहुल गांधी जहाँ दो-दो हाथ करने गए थे, वहां उन्हें न केवल पटखनी खानी पड़ी बल्कि पटकने वाले राहुल गांधी की छाती पर चढ़ गए.
दरअसल, देश में पहलवानों को लेकर इन दिनों सियासत गर्म है. इसी क्रम में राहुल गांधी अब पहलवानों का नैतिक समर्थन करने उनके अखाड़े में पहुंचे. वहां उन्होंने पहलवानों के साथ कुश्ती में हाथ भी आजमा लिया. इसी दौरान राहुल गांधी की जो तस्वीरें सामने आई हैं उसमें उन्हें पटखनी खाता देखा जा रहा है. अखाड़े में कुश्ती की जोर आजमाइश करने वाले राहुल गांधी ने पहलवानों के समर्थन में अपने सोशल मीडिया पेज पर एक पोस्ट भी साझा किया है.
राहुल लिखते हैं, वर्षों की जीतोड़ मेहनत, धैर्य एवं अप्रतिम अनुशासन के साथ अपने खून और पसीने से मिट्टी को सींच कर एक खिलाड़ी अपने देश के लिए मेडल लाता है। आज झज्जर के छारा गांव में भाई विरेंद्र आर्य के अखाड़े पहुंच कर ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया समेत अन्य पहलवान भाइयों के साथ चर्चा की।
उन्होंने आगे लिखा है - सवाल सिर्फ एक है - अपने अखाड़े की लड़ाई छोड़ अगर इन खिलाड़ियों, भारत की बेटियों को अपने हक और न्याय की लड़ाई सड़कों पर लड़नी पड़े तो कौन अपने बच्चों को यह राह चुनने के लिये प्रोत्साहित करेगा? यह किसान परिवार के निश्छल, सीधे एवं सरल लोग हैं, इन्हें तिरंगे की सेवा करने दीजिए। इन्हें पूरे मान और सम्मान के साथ भारत का सर गौरव से ऊंचा करने दीजिए।
गौरतलब है कि महिला पहलवानों ने भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया. बावजूद इसके उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. यहां तक कि पिछले सप्ताह हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृज भूषण सिंह के करीबी ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली. इसके बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ने की घोषणा कर दी. कई खिलाडियों ने पदक वापस कर दिया, जिसमें पद्म सम्मान सहित खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड शामिल रहे. अब इन्हीं विवादों के बीच राहुल गांधी ने पहलवानों को समर्थन देने उनके अखाड़े जाकर उनसे मुलाकात की. साथ ही उनके संघर्ष पर केंद्र की मोदी सरकार को भी परोक्ष रूप से घेरा है.