Desk: राज्यसभा के लिए तीन राज्यों में 15 सीटों के लिए वोटिंग होगी. इनमें यूपी की 10 सीट,कर्नाटक की चार सीट और हिमाचल प्रदेश की एक सीट के लिए वोटिंग हो रही है. यूपी में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए भाजपा ने 8 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है, जबकि समाजवादी पार्टी से 3 उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोकने उतरें हैं. भाजपा 8वें उम्मीदवर की जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है.
राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव के लिए 56 सीटों में से 41 पर चुनाव हो चुका है और उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत चुके हैं. यूपी में 10, हिमाचल प्रदेश में एक और कर्नाटक में 4 सीटों पर आज वोटिंग हो रही है. कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, बीजेपी चीफ जेपी नड्डा, अशोक चव्हाण जैसे नेता निर्विरोध जीत चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में 10 सीट के लिए भाजपा ने 8 और विपक्षी समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं. सत्तारूढ़ भाजपा और सपा के पास क्रमशः सात और तीन सदस्यों को निर्विरोध राज्यसभा भेजने के लिए विधानसभा सदस्यों का पर्याप्त संख्या बल है, लेकिन भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार के रूप में संजय सेठ को मैदान में उतारा है, जिससे एक सीट पर कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है
बता दें यूपी में 10 राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं. इसबार यहां से 11 उम्मदवार चुनाव लड़ रहे हैं. यूपी में 403 सदस्यों की विधानसभा है. अभी 4 सीटें खाली हैं. ऐसे में 399 विधायक वोट डालेंगे. राज्य में एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 प्राथमिक वोटों की जरूरत होती है. समाजवादी पार्टी के पास 108 विधायक हैं. ऐसे में एसपी दो कैंडिडेट को आसानी से जिता सकती है. तीसरे कैंडिडेट को जितान के लिए उसे प्राथमिक वरीयता के वोट की जरूरत होगी.
भाजपा के पास 7 उम्मीदवार को जिताने के लिए पर्याप्त वोट है. राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल ने भाजपा को वोट करने का ऐलान किया है. अपने आठवें प्रत्याशी को जिताने के लिए भाजपा के पास फिलहाल 29 वोट हैं. उसके पास अपने आठवें कैंडिडेट को जिताने के लिए 8 वोट कम हैं. यानी यहां मामला फंसा है. समाजवादी पार्टी के सोमवार की रात के डिनर से 8 विधायकों की गैरमौजूदगी ने चुनाव को रोचक बना दिया है.