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रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में क्या बदल जायेगा वोटरों का मिजाज,तफ्तीश करती एक रिपोर्ट

रामविलास पासवान के निधन के बाद बिहार विधानसभा चुनाव में क्या बदल जायेगा वोटरों का मिजाज,तफ्तीश करती एक रिपोर्ट

PATNA : लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान लंबे समय से बीमार चल रहे थे और अंततः बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार से पहले ही चल बसे. चिराग पासवान लगातार अपने पिता की बीमारी को लेकर बिहार की जनता को अवगत करा रहे थे और यह स्वीकार कर रहे थे कि खासकर चुनाव के दौरान पिताजी का अस्पताल में रहना काफी खल रहा है. विधाता ने कुछ और ही रच रखा था. स्वास्थ्य से लगातार जूझ रहे रामविलास पासवान अंततः चल बसे. रामविलास पासवान लोक जनता जनशक्ति पार्टी के संस्थापक भी थे और वर्तमान में केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री भी अपनी बीमारी को देखते हुए उन्होंने पार्टी की पूरी जिम्मेदारी चिराग पासवान को दे दी थी और राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बना दिया था लेकिन अब बड़ा सवाल है कि एनडीए से बाहर जा चुके लोजपा को रामविलास पासवान के निधन की सहानुभूति का लाभ मिलेगा.

 पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का निधन हो चुका है लेकिन बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर वरिष्ठ दलित नेता के निधन का प्रभाव होगा। बता दें कि चिराग पासवान के नेतृत्व में लोजपा एनडीए से बाहर का रास्ता तय कर चुकी है. हालांकि एनडीए के एक पार्टनर भाजपा के प्रति वह सहानुभूति दिखाते रही है तो दूसरी तरफ जदयू के खिलाफ में द्वार खड़ा कर देंगे ऐलान कर दिया है. इन परिस्थितियों के अंदर रामविलास पासवान के निधन का क्या असर परिणाम पर पड़ेगा. जानकार बताते हैं कि रामविलास पासवान के जाने के बाद पासवान जाति के लोग एकजुट होकर लोजपा के पक्ष में वोट कर सकते हैं. 

करीब 1 माह पहले चिराग पासवान ने अपने पिता की बीमारी का जिक्र करते हुए अपने समर्थकों को राजनीतिक तौर पर सक्रिय होने का आह्वान किया था. एक सवाल जो लोगों के जेहन में है. वह यह कि क्या राष्ट्रीय स्तर पर अपने एक कद बना चुके रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान बिहार में 5 स्थानों के वोट को एक रख पाएंगे. चिराग पासवान इसी कोशिश में लगे हुए हैं. जानकार मानते हैं कि यह सबको पता था कि रामविलास पासवान बीमारी की वजह से बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार नहीं कर पाएंगे. लेकिन अब उनके निधन के बाद इसकी संभावना काफी बढ़ गई है कि पासवान यानी दुसाध जाति के लोग एकजुट होकर एलजेपी के लिए वोट करेंगे

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी से लेकर बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं ने रामविलास पासवान के निधन पर गहरा दुख जताया है. हालांकि वही बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी और जेडीयू से दो-दो हाथ करने को लेकर एलजेपी आमने-सामने है. पहले चरण के चुनाव को देखें तो एलजेपी की भूमिका स्पष्ट होते दिख रही है. बीजेपी के सीटों पर लोजपा ने एक भी प्रत्याशी खड़ा नहीं किया है.कुछ भी हो बिहार चुनाव में बीजेपी एलजेपी का सार्वजनिक विरोध करेगी. इन परिस्थितियों में चिराग को खुद यह साबित करना होगा कि रामविलास पासवान के जाने के बाद उनकी जिम्मेदारी निभा सकते हैं, चिराग इस कोशिस में लगे भी हैं. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और वोटर्स को अपील करते हुए कहा भी था कि पापा का अंश हूं इसलिए उन्हें पता है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में सफल होते हैं.

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