DESK : अब अगर घर के बाहर कोई रामधुन के भजन गाते हुए मिले, तो यह समझने की भूल न करिएगा कि वह कोई राम भक्त है, जो आपके द्वार पर सहायता मांगने के लिए पहुंचा है। क्योंकि हो सकता है कि उसे नगर निगम ने भेजा हो। जी हां, सड़क या खुले में कचरा फेंकने से रोकने के लिए भजन गायकों का सहारा लेने का फैसला लिया गया है, जो कचरा फेंकने पर आपके घर जाकर रामधुन बजाने पहुंच जाएंगे। यह अनोखा काम मध्य प्रदेश के बड़े शहरों में शामिल ग्वालियर में शुरू किया गया है। यहां नगर निगम ने यह फैसला लिया है कि लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरुक करने के लिए यह कदम उठाया गया है।
हाल में ही केंद्र की तरफ से देश से सबसे स्वच्छ शहरों की रैकिंग जारी की थी। इनमें कई शहर ऐसे थे, जिनकी स्वच्छता रैकिंग बेहद ही खराब थी। ऐसे ही एक शहरों में ग्वालियर भी शामिल था। अब इस स्थिति को सुधारने के लिए यहां के नगर निगम ने यह अनोखा फैसला किया है। ग्वालियर नगर निगम (जीएमसी) के आयुक्त किशोर कान्याल ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहाकि निगम के कर्मचारी वाहनों के जरिए घर-घर जाकर कचरा इकट्ठा करते हैं। लेकिन कई लोग अब भी अपने घरों के बाहर, सड़कों पर या सार्वजनिक स्थानों पर कचरा फेंक रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से अनुरोध किया जाएगा कि वे अपने घरेलू कचरे को निगम के वाहनों में डालें। लेकिन यदि वे अपने तरीके नहीं बदलते हैं तो भजन गायकों के एक समूह को राम धुन सुनाने के लिए उनके घरों में भेजा जाएगा। यदि स्थिति में तब भी सुधार नहीं हुआ तो ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाया जाएगा। कान्याल ने कहा कि पिछले एक सप्ताह के दौरान जीएमसी ने सड़क पर कूड़ा फेंकने वाले लोगों से पांच लाख रुपए का जुर्माना वसूला है। उन्होंने कहा कि निगम लोगों के सहयोग से शहर में घर-घर से शत-प्रतिशत कूड़ा उठाने का अभियान चला रहा है।
मालूम हो कि राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में ग्वालियर पिछले साल के 12वें स्थान से फिसलकर इस साल 15वें स्थान पर आ गया है। मध्य प्रदेश के इंदौर ने लगातार पांचवीं बार देश के स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष स्थान हासिल किया है जबकि प्रदेश की राजधानी भोपाल ने इस साल सातवां स्थान हासिल किया है।