मोतिहारी में तटबंध मरम्मती की फिर खुली पोल, दो दिनों की बारिश में टूटा बांध, अधिकारी की दलील सुनकर हैरान रह जायेंगे

मोतिहारी में तटबंध मरम्मती की फिर खुली पोल, दो दिनों की बारिश में टूटा बांध, अधिकारी की दलील सुनकर हैरान रह जायेंगे

MOTIHARI : मोतिहारी में तटबंध मरम्मती के नाम पर लाखों रूपये खर्च का पोल खुल गया है। बंजरिया प्रखंड क्षेत्र में बंगरी नदी का बांध से छह फीट नीचे जलस्तर का दवाब नहीं सह सका। इसी कड़ी में बंजरिया प्रखंड के फुलवार उत्तरी पंचायत के नगदाहाँ गांव के समीप नेपाल से निकलने वाली बंगरी नदी का दायां तटबंध बुधवार रात्रि में टूट गया। बुधवार की देर रात्रि बांध टूटने से नदी का पानी तेजी से गम्हरिया, नगदाहां सहित अन्य गांव के सरेह व खेतों फैल गया। जलसंसाधन विभाग व जिला प्रशासन के सहयोग से बांध मरम्मती का कार्य देर रात्रि ही शुरू कर दिया गया है। सदर एसडीओ, डीएसपी, सीओ सहित पदाधिकारी स्थल पर कैम्प किये हुए है।

बताते चलें की दो दिनों से लगातार जारी मूसलाधार बारिश ने पूर्वी चम्पारण में जनजीवन को अस्त व्यस्त करने लगा है। नेपाल के तराई इलाको में हो रही बारिश का सीधा असर पूर्वी चम्पारण में दिखने लगा है। नेपाल से आने वाली सभी छोटी बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। इसी क्रम में बंजरिया प्रखंड के फुलवार उत्तरी पंचायत के नगदाहाँ गांव के समीप नेपाल से निकलने वाली बंगरी नदी का दायां तटबबन्ध टूट गया। बुधवार की देर रात्रि बांध टूटने से नदी का पानी तेजी से गम्हरिया, नगदाहां सहित अन्य गांव के सरेह व खेतों फैल गया। जिस कारण कई गांवो पर बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। बांध टूटने की सूचना मिलते ही सदर एसडीएम श्रेष्ठ अनुपम, एएसपी राज, अंचल अधिकारी मणि कुमार वर्मा, बीडीओ सुनील कुमार गौड, थानाध्यक्ष प्रभाकर पाठक और संबंधित विभाग के अधिकारी स्थल पर पहुंचे और बांध की मरम्मति का काम तेजी से किया जा रहा है।  

वही ग्रामीणों ने कहा कि बांध से 7 से 8 फीट नीचे नदी में पानी बह रहा है। बांध पर अभी कोई दबाव पड़ा ही नहीं तो फिर बांध कैसे टूट गया। बताया कि उक्त जगह पर जब जगह दो दिन से विभाग के अधिकारी मौजूद थे, तो बांध के टूटने से आखिर क्यों नहीं बचाया जा सका। ग्रामीण वरीय अधिकारी से जांच टीम गठन कर जांच कराने के मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि बंजरिया जिले का वैसा प्रखंड है, जहां कई नेपाली नदियां बूढी गंडक में मिलती है। लेकिन स्थायी रूप यहां तटबंध की व्यवस्था नही होने के कारण यहां के नागरिक प्रतिवर्ष बाढ़ की त्रासदी झेलने को अभिशप्त है।

इस संबंध में जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता इफ्तेखार इमाम ने बताया कि पानी का दबाव बढ़ने के कारण बांध टूट गया है। पानी बांध से नीचे रहा है। लेकिन बांध पर पेड़ के कारण सीपेज बन गया था। बांध के सीपेज को बांधने का प्रयास किया गया। लेकिन दो घंटे के अंदर ही टूट गया। बांध मरमती का कार्य देर रात्रि से चल रहा है।

मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट 

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