SIWAN : बिहार में विधायकों में अपनी ही पार्टी आलाकमान के प्रति नाराजगी बढ़ती जा रही है। एक दिन पहले राजद और कांग्रेस के तीन विधायकों ने नेतृत्व से नाराज होकर भाजपा के साथ जाने का फैसला ले लिया। अब भाजपा में ही नाराजगी नजर आने लगी है।
सिवान की सियासत में कभी शहाबुद्दीन पर भारी पड़नेवाले बीजेपी नेता और पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव ने ये एलान कर दिया है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अगर सीवान सीट जेडीयू के खाते में जाती है तो वे विरोध करेंगे. उन्होंने तो यहां तक एलान कर दिया कि वे निर्दलीय ही चुनाव लड़ेंगे।
ओमप्रकाश यादव ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व और प्रदेश नेतृत्व को बता दिया है कि समतल खेत बटइया नहीं दिया जाता है, उबड़-खाबड़ खेत बटइया दिया जाता है. बार-बार बटइया देने का क्या मतलब ? ओमप्रकाश यादव ने साफ कहा कि जेडीयू से किसी को टिकट दिया गया तो विरोध करेंगे.
रक्षा मंत्री के कार्यक्रम में हुए शामिल
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में पहुंचे सिवान: बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और सिवान के पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कार्यक्रम में सिवान पहुंचे थे. वहीं बीजेपी से मंगल पांडेय की दावेदारी पर ओमप्रकाश यादव ने कहा कि इसका फैसला पार्टी नेतृत्व करेगी, लेकिन अगर सीट जेडीयू के खाते में गयी तो वे निश्चित तौर पर विरोध करेंगे.
सीवान को शहाबुद्दीन के आतंक से दिलाई थी मुक्ति
ओमप्रकाश यादव प्रदेश बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष हैं और इनकी पहचान ऐसे नेता के रूप में रही है जिन्होंने सिवान की सियासत में आरजेडी के बाहुबली नेता शहाबुद्दीन के खिलाफ न सिर्फ लंबी लड़ाई लड़ी बल्कि उनको मात भी दी। 2009 और 2014 में सिवान सीट से जीत दर्ज कर ओमप्रकाश यादव ने इलाके को शहाबुद्दीन के आतंक से मुक्ति दिलाई थी
2019 में जदयू के खाते में चली गई थी सीट
2009 और 2014 में लगातार जीत हासिल करने के बावजूद 2019 में सिवान से ओमप्रकाश यादव को बीजेपी का टिकट नहीं मिला, क्योंकि गठबंधन के कारण बीजेपी ने ये सीट जेडीयू के लिए छोड़ दी थी. 2019 में जेडीयू की कविता सिंह ने सिवान से चुनाव लड़ा. तब ओमप्रकाश यादव ने पार्टी के प्रति निष्ठा दिखाते हुए जेडीयू कैंडिडेट का समर्थन किया और जेडीयू ने ये सीट जीत ली थी. लेकिन इस बार ओमप्रकाश यादव के बगावती तेवर एनडीए के लिए मुश्किल खड़ी कर सकते हैं.