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इस बार मट्ठा भी फूंक कर पीना चाहती है RJD, जानिए लालू-तेजस्वी के मिशन 160 के पीछे क्या छिपा है बड़ा राज

इस बार मट्ठा भी फूंक कर पीना चाहती है RJD, जानिए लालू-तेजस्वी के मिशन 160 के पीछे क्या छिपा है बड़ा राज

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच राजद खेमे में अलग एंगल पर काम हो रहा है. सीट शेयरिंग को लेकर आरजेडी सुप्रोमो लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी ने इस बार नया प्लान बनाया है. पिछली बार सरकार से बाहर हो जाने से जो झटका राजद को लगा है पार्टी इस बार ऐसी तैयारी करना चाहती है कि आगे उसे सत्ता से बेदखल नहीं किया जा सके.

160 सीट पर चुनाव लड़ने का क्या है फॉर्मूला
महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर सहयोगी दलों में बेचैनी साफ देखी जा सकती है. सहयोगी दल अपने हिस्से की सीट को जल्द से जल्द अपने नाम कर लेना चाहते हैं. लेकिन इस सब के बीच आरजेडी ने यह साफ कर दिया है कि वो 160 सीटों पर अपनी दावेदारी ठोकेगी. लेकिन 160 पर दावेदारी के पीछे राजद का क्या प्लना है. इसे समझना जरूरी है. 2015 में राजद ने 101 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जबकि सहयोगी दल जदयू को 101 और कांग्रेस को 41 सीटें दी गयी थीं. 

तीनों के बीच कोई एक दल के बाहर निकल जाने से सरकार गिर जाने की स्थिति रही. इस कारण जब 2017 में जदयू महागठबंधन से बाहर निकला ,तो राजद-कांग्रेस की भागीदारी वाली सरकार तत्काल गिर गयी. इस अनुभव से गुजरे राजद ने इस बार सीटों के तालमेल में अपने पास कम- से- कम 160 सीटें रखने के संकेत दे रहा है. बिहार विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 243 है. जिसमें सरकार बनाने के लिए कम से कम 122 विधायकों के समर्थन की जरूरत होती है. अंदरखाने की खबरों की माने तो सरकार बनने की स्थिति में इतने विधायकों की संख्या दल के पास हो, जिससे दूसरे किसी दल के बाहर छिटकने से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़े, इसी गणित से सहयोगी दलों के बीच सीटें तय की जायेगी. महागठबंधन के अंदर राजद के 160 के प्लान की चर्चा तेज है लेकिन सियासत कब किस ओर करवट ले ये कोई नहीं जानता. 

 

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