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सवर्णों को आरक्षण दिए जाने पर RJD ने खिंचे पांव, कहा - हमने कभी विरोध किया ही नहीं, कही यह बात...

सवर्णों को आरक्षण दिए जाने पर RJD ने खिंचे पांव, कहा - हमने कभी विरोध किया ही नहीं, कही यह बात...

PATNA : सवर्ण वर्ग के पिछड़े लोगों को 10 फीसदी आरक्षण दिए जाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर लगने के बाद जहां भाजपा ने राजद पर हमला बोला है। वहीं कभी आरक्षण देने को गलत फैसला बतानेवाली राजद अब बैकफुट पर आ गई है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि हमने कभी भी सवर्णों को आरक्षण का विरोध नहीं किया था, बल्कि आपत्ति जताई थी

आलोक मेहता ने कहा

मामले में बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता का बयान आलोक मेहता ने कहा कि हमने कभी ईडब्ल्यूएस सवर्णों को आरक्षण देने  का विरोध नहीं किया है। लेकिन हम लोगों ने यह भी कहा था जो आरक्षण दिया जा रहा है जो उन्होंने मान तय किया था  ऐसे तो और भी लोग हैं जिनको आरक्षण मिलना चाहिए हमने इस बात को कहा था। उन सबकों इसका लाफ मिलना चाहिए।

आठ लाख आय वाले गरीब कैसे 

आलोक मेहता नए आरक्षण मुद्दे पर अपनी राजद का बजाव करते हुए कहा कि सरकार ने आरक्षण के लिए जो मानक बनाए थे, उसमें आठ लाख तक वार्षिक आय वाले लोगों को इसका पात्र बताया गया था। हमारी आपत्ति इस बात को लेकर थी कि आठ लाख आय वाले लोग गरीब कैसे हो सकते हैं, अगर वह गरीब हैं,तो जिनकी आय एक लाख के आसपास है, वह किस श्रेणी में आएंगे। हमने इस  बात को लेकर ही विरोध जताया था
बीजेपी पर किया हमला

आलोक मेहता ने कहा एक तरफ बीजेपी सवर्णों को आरक्षण देने का सपोर्ट करती है, वहीं दूसरी तरफ ओबीसी आरक्षण का वह विरोध करती है। बीजेपी को यह बताना चाहिए कि जब एक आरक्षण गलत है तो दूसरे को आरक्षण देने का फैसला सही कैसे हो सकता है।

शक्ति यादव ने कहा 

वहीं राजद प्रवक्ता शक्ति यादव का कहना है कि  जो लोग ऐसा कह रहे हैं कि हमारी  पार्टी ने विरोध जताया था, उन्हें पहले विरोध और आपत्ति में फर्क समझना चाहिए। हमारी पार्टी ने आरक्षण पर आपत्ती जताई थी। हमलोगों ने कहा कि जो लोग इसके हकदार हैं, उन सभी को आरक्षण मिलना चाहए, न कि सिर्फ सामान्य वर्ग को आरक्षण को। हम लोगों ने इसलिए जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की थी ताकि किसे लाभ मिले और किसे नहीं इसके बारे में पता चल सके।

बता दें कि जनरल कोटे को आरक्षण कोटे को 10 फीसदी आरक्षण देने पर राजद ने सबसे पहले आपत्ति जताते हुए इसे संविधान के खिलाफ बताया था। साथ ही संसद के दोनों सदनों में इसको लेकर अपनी आवाज उठाई थी।


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