CHHAPRA : कुछ दिन पहले सारण लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन करने के कारण आए लालू प्रसाद यादव चर्चा में रहे थे। अब राजद सुप्रीमो के नाम वाले निर्दलीय प्रत्याशी ने सारण से चुनाव लड़ने का फैसला बदल दिया है। लालू प्रसाद यादव ने लोकसभा सीट से अपना नामांकन वापस ले लिया है। अब महारागंज सीट से चुनाव लड़ेंगे। आज महाराजगंज सीट पर नामांकन के आखिरी दिन पर्चा दाखिल किया।
राजद सुप्रीमो के कहने पर बदला फैसला
लालू प्रसाद यादव सारण के मढ़ौरा अनुमंडल में ताईद हैं। उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की है।महाराजगंज लोकसभा से नामांकन करने के बाद लालू प्रसाद यादव ने बताया है कि उन्होंने राजद प्रमुख के कहने पर ऐसा किया है। साथ ही कहा कि अब वो सारण में राजद प्रत्याशी रोहिणी आचार्य के लिए वोट मांगेंगे।
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मैंने अपनी मर्जी से नाम वापस लिया है। लालू जी ने बुलाकर मुझसे कहा कि मेरी तबीयत खराब है। मेरी बेटी की मदद करें। इस बार रोहिणी की मदद करें। सारण में ऐसी बेटी हर पिता को पैदा हो जो दुख की घड़ी में साथ रहे। मुझे खुशी हुई। दया आई। सोचा कि इनकी मदद कर दें, तो हमने नाम वापस ले लिया।
जब चुनाव लड़ा तो उन्हें हुआ नुकसान
लालू ने आगे कहा कि मैंने 2014 में राबड़ी देवी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। वो 14 हजार वोट से चुनाव हार गई थीं। 2019 में लालू जी के समधी चंद्रिका राय चुनाव लड़े थे। वो भी 9 हजार वोट से हार गए थे। इस बार हमें लालू यादव ने कहा कि आप रहते हैं तो हम चुनाव हार जाते हैं, तो आप बेटी की मदद करें।
हमने कहा था कि कहीं न कहीं से चुनाव लड़ेंगे। लालू जी ने कहा कि कहीं से भी चुनाव लड़ लो, कोई दिक्कत नहीं। इसलिए महाराजगंज से नामांकन कराया। उन्होंने कहा कि इस बार नाम वापस ले लिए, क्योंकि लालू यादव गार्जियन तुल्य हैं। हमसे रिक्वेस्ट किए।
अपना वोट दिलाएंगे रोहिणी को
महाराजगंज से नॉमिनेशन करने के बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हम यहां से लड़ेंगे और जीतेंगे भी। सारण और महाराजगंज में कोई अंतर नहीं है। हमारे घर से सटा ही हुआ है। यहां से रोहिणी के लिए भी वोट मांगेंगे। उनकी मदद करेंगे। यहां जो भी मेरे लिए वोट करेंगे, उसे रोहिणी के लिए कनवर्ट कराएंगे।
अब तक 20 चुनाव लड़ चुके
लालू प्रसाद यादव ने कहा कि हम अभी तक 20 बार चुनाव लड़े हैं। वार्ड, एमएलए, एमएलसी, शिक्षक, स्नातक, निकाय तक लड़े। दो बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़े थे, लेकिन सफलता नहीं मिली। जब तक सफलता नहीं मिलेगी, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। 2009 में लालू प्रसाद के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा।