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लुका-छिपी का खेल! AIG के ठिकानों से 100 % अधिक संपत्ति मिली, RCD एग्जीक्यूटिव इंजीनियर 2021 तक छुपाए रहे 324 D जमीन, जांच का विषय...

लुका-छिपी का खेल! AIG के ठिकानों से 100 % अधिक संपत्ति मिली, RCD एग्जीक्यूटिव इंजीनियर 2021 तक छुपाए रहे 324 D जमीन, जांच का विषय...

PATNA: विशेष निगरानी इकाई ने आय से करीब सौ प्रतिशत ज्यादा काली कमाई करने वाले निबंधन विभाग के सहायक महानिरीक्षक(AIG) प्रशांत कुमार के ठिकानों पर गुरुवार को छापेमारी की। एआइजी प्रशांत कुमार के ठिकानों से 66 लाख रुपये मूल्य का सोना, चांदी, स्वयं व स्वजनों के नाम स्टेट बैंक व अन्य बैंक में 80 लाख से अधिक के निवेश, एनएससी में 20 लाख का निवेश के अलावा 2.40 लाख नकद व जमीन, मकान में काफी निवेश किये जाने के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। सरकार ने सभी सरकारी सेवकों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का आदेश दे रखी है। सरकारी सेवक संपत्ति का ब्योरा देते भी हैं,लेकिन उसमें भी खेल कर देते हैं। ब्योरा में संपत्ति छुपाने का खेल किया जाता है। पथ निर्माण विभाग के एक ऐसे ही कार्यपालक अभियंता हैं, जिन्होंने पत्नी के नाम पर पहले संपत्ति बनाई. 2021 तक वे पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति को छुपाये रखा. अचानक 2022 में पत्नी के नाम पर अर्जित पांच बीघे से अधिक जमीन को सार्वजनिक किया. जबकि खरीद काफी पहले ही की थी. यानी छापा के डर से संपत्ति को सार्वजनिक करना पड़ा. बड़ा सवाल यही है कि आखिर इतने सालों तक संपत्ति का ब्योरा क्यों नहीं सार्वजनिक किया. यही जांच का विषय है। अगर जांच हो तो कार्यपालक अभियंता की पोल खुल सकती है। 

वो कौन हैं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता,जानें....

हम बात कर रहे हैं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार की। शैलेश कुमार पिछले महीने तक बिहार पुल निर्माण निगम पटना में प्रोजेक्ट इंजीनियर के पद पर पदस्थापित थे. अक्टूबर 2022 में इन्हें किशनगंज में पथ निर्माण विभाग का कार्यपालक अभियंता बनाकर भेजा गया है. इन्होंने 2020-21 में अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था उसमें पत्नी के नाम पर एक ईंच जमीन का उल्लेख नहीं किया था। स्पाउस (wife) की संपत्ति वाले खाने में NILL का उल्लेख किया था. वर्ष 2020-21 तक इंजीनियर साहब की पत्नी के नाम पर न तो कृषि योग्य भूमि थी और न गैर कृषि योग्य। यानी पत्नी बिल्कुल ही भूमिहीन थीं. लेकिन अगले साल इंजीनियर शैलेश कुमार की पत्नी जमींदार बन गईं. अचानक उनके नाम पर पांच बीघा से अधिक जमीन हो गया। खुद कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार ने 2021-22 में अपनी संपत्ति के ब्योरा में इसका उल्लेख किया है. 6 फरवरी 2022 को सरकार को दिये संपत्ति ब्योरा में पत्नी के नाम पर 306 डिसमिल कृषि योग्य और 18 डिसमिल गैर कृषि योग्य भूमि का उल्लेख किया है। जबकि 31 जनवरी 2021 को इंजीनियर ने अपनी संपत्ति का जो ब्योरा दिया था उसमें पत्नी के नाम पर एक डिसमिल जमीन का भी उल्लेख नहीं किया था। इसके पहले के संपत्ति के ब्योरा में भी पत्नी के नाम जमीन का जिक्र नहीं किया है. 

2021 तक नहीं दी जानकारी, अचानक 2022 में किया सार्वजनिक 

आखिर एक साल में ही इंजीनियर के पास इतनी जमीन कहां से आ गई। इस पर हमने तहकीकात किया।  तब पता चला कि पत्नी के नाम पर जमीन तो पहले से ही है. लेकिन इंजीनियर साहब ने पत्नी के नाम पर खरीदी गई जमीन के बारे में सरकार को जानकारी नहीं दी थी। पत्नी के नाम पर बांका में 2016-19 में ही जमीन खरीदी गई. इसके अलावे पटना में भी। अब बड़ा सवाल यही है कि आखिर पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर ने पत्नी के नाम पर अर्जित संपत्ति को इसके पहले तक छुपा क्यों रहे थे. हमने किशनंगज में पदस्थापित पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता शैलेश कुमार से पूछा तो उन्होंने कहा कि ऐसी बात नहीं है। मैं हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा सरकार को देता हूं. जब हमने पूछा कि पिछले साल तक तो आपने पत्नी के नाम वाली संपत्ति का उल्लेख तो नहीं किया था...अचानक पत्नी के नाम इतनी जमीन ? तब कार्यपालक अभियंता ने कहा कि कहीं कोई तकनीकी गड़बड़ी हुई होगी,इसी वजह से यह समस्या हुई होगी। वैसे कार्यपालक अभियंता ने अपनी संपत्ति के ब्योरा में एक और बड़ी गड़बड़ी की है. उसके बारे में अगली कड़ी में खुलासा करेंगे। 

2020- 21 में दिए गए संपत्ति का ब्योरा  

अचनाक 2021-22 में पत्नी के नाम 324 डिसमिल जमीन



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