MOTIHARI : बिहार पुलिस का कारनामा सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। मोतिहारी जिला के आदर्श थाना पुलिस की गजब कारनामा सामने आया है। हरसिद्धि थाना पुलिस एक ही लूट की घटना, एक ही स्थल एक ही आवेदक, एक ही राशि एक ही तारीख की दो दो प्राथमिकी दर्ज करने का मामला सुर्खियों में है। इससे भी रोचक बात है कि हरसिद्धि थाना के तत्कालीन थाना अध्यक्ष नवीन कुमार ने 6 अप्रैल की घटना के आवेदन पर 29 अप्रैल को मामला दर्ज किया गया। उसी आवेदक ने जब दो माह बाद 30 जून 24 को जो आवेदन दिया उसमे घटना की तिथि 6 अप्रैल 24 और घटना स्थल एक ही बताया। लेकिन एक मे झोला छीनकर भागने तो दूसरे में बाइक से झोला में रखे कलेक्शन के 2 लाख 38 हज़ार 10 रुपया लेकर भाग जाने का आरोप लगाया था। हरसिद्धि के वर्तमान थानेदार ने दो माह पूर्व की घटना में 30 जून 24 को भी बिना जांच किये ही FIR दर्ज कर दिया। एक ही घटना स्थल, एक ही आवेदन, एक ही आवेदक, एक ही राशि होने के बाद एक ही थाने में दो दो FIR होने की खबर जिला में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सोशल मीडिया पर कहने से नही थक रहे कि वाह रे बिहार पुलिस ..गजब की सेटिंग का खेल। आदर्श थाना की करतूत चर्चा का विषय बनी है। सोशल मीडिया में मामला आने के बाद पुलिस महकमा में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल आवेदक अप्पू कुमार यादव जो कि स्पंदना सपूर्ती फाइनेंस का फील्ड ऑफीसर है, उसके आवेदन पर पुलिस ने 2 महीने में दो FIR दर्ज कर लीं। दोनों एफआईआर में आवेदक का एक नाम अप्पू और मोबाइल नंबर 9709620638 दर्ज है। पहली एफआईआर संख्या 232/24 दिनांक 29-4-24 को और दूसरी एफआईआर संख्या 371/24 दिनांक 30-6-24 को हरसिद्धि थाना में दर्ज हुई। थानाध्यक्ष ने पहली FIR में सब-इंस्पेक्टर विभा भारती को जांच अधिकारी बनाया, तो दूसरी एफआईआर के आईओ उगन पासवान को बना दिया। लेकिन रोचक बात तो यह है कि दोनो आवेदन में घटना स्थल,घटना तिथि और राशि एक ही है। लेकिन घटना का प्रकार दो किस्म का बताया गया है।
घटना का खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने उसी बैंक डकैती के मामले में आवेदक फील्ड ऑफीसर अप्पू को कल गिरफ्तार किया। वही वह जब घटना का मुख्य सरगना निकला तो आज हरसिद्धि थाना पुलिस की कारनामा का दोनो FIR सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। अब चर्चा का विषय बना हुआ है कि एक ही मामले में एक ही आवेदक के आवेदन पर दो एफआईआर दर्ज हो गईं और दोनों एफआईआर पर बकायदा दो आईओ अपनी-अपनी जांच भी कर रहे है। एक आईओ 4 महीने से तो दूसरा आईओ करीब 2 महीने से अपनी जांच कर रहे है। केस के आईओ को रोज केस डायरी में चांज की प्रगति भी लिखनी होती है। यानी एक ही मामले में दो आईओ हर रोज अपनी अलग-अलग केस डायरी लिखते रहे, पर थानाध्यक्ष को इसकी जानकारी तक नहीं हुई। इस संबंध में जानकारी के लिए हरसिद्धि थानेदार को फोन किया गया। लेकिन वे फोन उठाना वाजिब नही समझे। जिसके कारण उनका पक्ष नही लिया जा सका।
वही मामला सोशल मीडिया पर आने के बाद अरेराज डीएसपी रंजन कुमार ने बयान जारी कर बताया कि एक घटना में हरसिद्धि में दो दो FIR का मामला संज्ञान में आया है। दोनो FIR के समय दो थानेदार के कार्यकाल का है।जांच में त्रुटि पाए जाने पर दोषी थानेदार के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा। वही फील्ड अफसर के दोनों FIR में घटना का अलग अलग रूप दिया गया है। जांच के बाद इस मामले में और खुलासा होने की उम्मीद है।
मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट