डेस्क... किसान आंदालेन के बाद अपनी मांगों को लेकर डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ आज से मोर्चा खोल दिया है। केंद्र सरकार की ओर से आयुर्वेद डाक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत को लेकर सराकरी और प्राइवेट डॉक्टर अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे। इस आदेश के खिलाफ आंदोलन में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के साथ कई दूसरे संगठन भी शामिल होंगे। बिहार के सरकारी और निजी डॉक्टर शुक्रवार को अपने कार्य का बहिष्कार करेंगे।
आईएमए से मिली जानकारी के मुताबिक उनके संगठन की सभी शाखाओं के डॉक्टर सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक काम का बहिष्कार करेंगे। इस हड़ताल में कोविड और दूसरी जरूरी सेवाओं को बाधित नहीं किया जाएगा। हड़ताल में आईएमए का सहयोगी संगठन जेडीएन और एमएसएन भी शामिल होगा।
एलोपैथिक डॉक्टरों की हड़ताल जनकल्याण विरोधी
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक आयुर्वेद पीजी को सर्जरी की अनुमति दिए जाने के विरोध में एलोपैथिक चिकित्सकों की हड़ताल को जनकल्याण विरोधी बताया है। कहा है कि आइएमए ने अपना अड़ियल रवैया नहीं छोड़ा तो एलोपैथिक डॉक्टरों का व्यवसायिक बहिष्कार किया जाएगा। यह भी कहा है कि केंद्र सरकार के इस फैसले से आयुष चिकित्सकों में हर्ष है। इसके समर्थन में आयुर्वेद एवं आयुष चिकित्सक 11 दिसंबर को मुफ्त में रोगियों का इलाज करेंगे। कहा कि हड़ताल की स्थिति में वैकल्पिक चिकित्सा व्यवस्था हेतु सभी आयुष चिकित्सक तैयार हैं।