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जांच में कांप रहे हाथ! मोतिहारी DM ने लेखा प्रबंधक के खिलाफ जांच के दिये थे आदेश, 6 दिन बाद भी अधिकारी तक नहीं पहुंचा पत्र

जांच में कांप रहे हाथ! मोतिहारी DM ने लेखा प्रबंधक के खिलाफ जांच के दिये थे आदेश, 6 दिन बाद भी अधिकारी तक नहीं पहुंचा पत्र

PATNA: सुशासन राज में मोतिहारी के स्वास्थ्य महकमें में चहुंओर लूट मची है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मी  सरकारी राशि को डकारने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं। मामले का खुलासा भी होता है और वरीय अधिकारी जांच के आदेश भी देते हैं। लेकिन जांच के नाम पर फाइल को डंप करा दिया जाता है। ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों का सचिवालय के हाकिमों का संरक्षण होता है। नया मामला मोतिहारी के जिला स्वास्थ्य समिति के लेखा पदाधिकारी से जुड़ा है। आरोप के बाद डीएम ने जांच टीम गठित कर दी है. लेकिन सबसे आश्चर्य की बात तो यह कि डीएम का जांच संबंधी आदेश वाला पत्र 6 दिन बाद भी जांच अधिकारी तक पहुंचा ही नहीं। जबकि तीन दिनों में ही जांच रिपोर्ट सौंपना था।

अब तक नहीं शुरू हुई जांच 

मोतिहारी के लेखा पदाधिकारी आशुतोष चौधरी पर आरोप के बाद डीएम ने 4 अप्रैल को एक जांच कमिटी गठित की थी। जांच टीम को तीन दिनों में जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंप देनी थी । लेकिन अब तक जांच टीम ने जांच की शुरूआत भी नहीं की है। जांच टीम के सदस्य सह मोतिहारी के सिविल सर्जन ने 3 दिन पहले कहा था कि जांच टीम में दो प्रशासनिक पदाधिकारी शामिल हैं। वे अब तक जांच के लिए नहीं पहुंचे हैं।दोनों अधिकारी जैसे ही जांच के लिए आयेंगे जांच शुरू हो जायेगी। आज 10 अप्रैल को जब जांच टीम के अध्यक्ष लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी से इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि उनको स्वास्थ्य विभाग में किसी जांच के संबंध में कोई पत्र अब तक नहीं मिला है। बड़ा सवाल यही है कि 4 अप्रैल को डीएम दफ्तर से निकला घोटाले की जांच वाला पत्र बगल के दफ्तर में जांच अधिकारी तक कैसे नहीं पहुंचा? क्या वो पत्र कहीं दबा दी गई? अक्सर ऐसा होता है कि अधिकारी के नीचे के कर्मी जानबूझ कर पत्र को दबा देते हैं। मोतिहारी डीएम के एक ऐसे ही आदेश को जिला अवर निबंधक ने पांच महीनों तक दबाये रखा था। डीएम ने अक्टूबर महीने में ही जिला अवर निबंधक को एक मामले में केस दर्ज करने का आदेश दिया लेकिन उन्होंने उस पत्र को 6 महीनों तक दबाये रखा। अब जाकर उस मामले में केस दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। 

DAM की पत्नी चलाती है चाहत एक पहल

मोतिहारी स्वास्थ्य समिति के जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पर आरोप है कि वे अपनी पत्नी के नाम पर एनजीओ चलाते हैं। वे अपने पद का दुरूपयोग कर उसी एनजीओ से स्वास्थ्य विभाग में कई सेवा लेते हैं।डीएम के पत्र में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने उल्लेख किया है कि जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पत्नी के नाम पर संचालित संस्था ''चाहत एक पहल'' के नाम से किए गए भुगतान की जांच कराई जाये। साथ ही इनके अन्य सर्जिकल सप्लायर के द्वारा बालू गिट्टी एवं फर्नीचर की आपूर्ति संबंधी मामले की जांच कराई जाए।  आरोप है कि इन सभी कंपनी और एनजीओ में लेखा प्रबंधक की पत्नी सीधी जुड़ी हुई हैं। लिहाजा जांच आवश्यक है। 

3 दिनों में जांच रिपोर्ट सौंपने का था आदेश 

डीएम के पास जब यह शिकायत पहुंची इसके बाद उन्होंने 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी. डीएम ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सिविल सर्जन और प्रभारी पदाधिकारी जिला विकास शाखा को जांच टीम में रखा है. डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि 3 दिनों के अंदर तमाम बिंदुओं की जांच कर रिपोर्ट समर्पित करें. बता दें कि पिछले महीने ही न्यूज4नेशन ने खुलासा किया था कि सर्जिकल कंपनी से गिट्टी बालू और पलंग की सप्लाई ली गई। बताया जाता है कि जिस कंपनी ने सरकारी अस्पतालों में सप्लाई दी उसमें भी लेखा प्रबंधक की पत्नी प्रत्यक्ष या अपरोक्ष रूप से जुड़ी हैं। अब डीएम ने जांच टीम गठित कर दी है। लिहाजा जिस तरह के गंभीर आरोप हैं उसमें फंसना तय माना जा रहा।

टैब घोटाले के बाद DAM पर फिर से लगा गंभीर आरोप

मोतिहारी के जिला स्वास्थ्य समिति में 2019 में टैब घोटाला हुआ था। 6 हजार के टैब को 19 हजार में खरीदे जाने की बात सामने आई  थी। लाखों रू के घोटाले की बात सामने आने के बाद जांच के लिए पटना से टीम भेजी गई थी । डेढ़ साल बीत गये लेकिन जांच में क्या हुआ यह बताने को कोई तैयार नहीं। अब एक बार फिर से मोतिहारी के जिला स्वास्थ्य समिति के जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पर सनसनीखेज आरोप लगे हैं। आरोप की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी है। इसके पहले टैब घोटाले में भी जिला लेखा प्रबंधक की भूमिका संदेह के घेरे में थी। जानकार बताते हैं कि टैब घोटाले में जांच की खानापूर्ति कर फाईल को डंप करा दी गई थी। टैब घोटाले की जांच तो हुई लेकिन रिपोर्ट में सेटिंग कर दी गई और जांच रिपोर्ट पर कोई निर्णय से पहले सबकुछ सेट कर दिया गया। इस संबंध में हमने जांच अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका. 

जानिए मोतिहारी के DHS में हुए टैब घोटाले को 

बता दें बिहार के मोतिहारी में साल 2019 में स्वास्थ्य विभाग में टैब खरीद में भारी फर्जीवाड़ा सामने आया था। 6 हजार के टैब को 19 हजार में खरीदे जाने की बात सामने आई थी। इस खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।  राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने 5 सितंबर 2019 को इस घोटाले के जांच के आदेश दे दिए थे। ईडी ने अपर निदेशक वित्त की अध्यक्षता मे 2 सदस्यीय कमिटी गठित कर जांच रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर सौंपने का आदेश दिया था। कार्यपालक निदेशक के आदेश पर आनन-फानन में जांच टीम मोतिहारी गई और पूरे मामले की जांच की। जांच के बाद टीम पटना आई। लेकिन जांच में रिजल्ट क्या निकला यह आज तक किसी को पता नहीं। जिस अधिकारी यानी जिला स्वास्थ्य समिति के जिन लोगों पर गंभीर आरोप थे वे आज भी छाती ठोक कर काम कर रहे। टैब घोटाले के बाद भी कई अन्य घोटाले हुए हैं। इसके बाद अब जिला लेखा प्रबंधक आशुतोष चौधरी पर अपनी पत्नी प्रियंका कुमारी के नाम पर एनजीओ चलाकर सरकारी फायदा लेने का गंभीर आरोप लगा है। इस खुलासे के बाद डीएम ने जांच टीम तो बिठाई है । लेकिन जिला स्वास्थ्य समिति में जांच का जो ट्रैक रिकार्ड रहा है उससे किसी को विश्वास नहीं होता कि कोई रिजल्ट भी आयेगा।

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