DESK : पिछले दिनों केंद्र सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार को जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा देने का निर्णय लिया था। जिसके बाद नई राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई थी। वहीं अब शरद पवार ने मोदी सरकार की इस मेहरबानी को सिरे से ठुकरा दिया है। उन्होंने जेड प्लस सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया है। बता दें जेड प्लस सुरक्षा में सीआरपीएफ के 58 कमांडोज उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाने थे।
शरद पवार ने कहा है कि वह पहले यह जांच करेंगे कि उनके खिलाफ किस प्रकार का थ्रेट परसेप्शन है, और उसके बाद ही वह सुरक्षा लेने पर विचार करेंगे. उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों से जानकारी भी मांगी है. फिलहाल, शरद पवार ने आज Z प्लस सुरक्षा लेने से मना कर दिया है, और इस मामले में उनकी अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
केंद्र सरकार पर कसा था तंज
मीडिया द्वारा जेड-प्लस सुरक्षा मिलने को लेकर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस कदम के पीछे का कारण नहीं मालूम है. हालांकि उन्होंने केंद्र के फैसले पर शक जरूर जाहिर किया था. शरद पवार ने आगे कहा, 'गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि सरकार ने तीन व्यक्तियों को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया है और मैं उनमें से एक था. मैंने पूछा कि अन्य दो कौन हैं. मुझे बताया गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं."
मेरे बारे में जानकारी हासिल करने का हो सकता है तरीका
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था कि शायद चुनाव नजदीक आ रहे हैं, जेड प्लस सिक्योरिटी मिलने को लेकर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में इसे जासूसी का जरिया बताया था. पवार ने कहा था कि उन्हें दी गई जेड प्लस सुरक्षा उनके बारे में "प्रामाणिक जानकारी" प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है।
यहां यह बता दें कि आरएसएस चीफ मोहन भागवत को एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (ASL) सुरक्षा दी जा रही है. जबकि अमित शाह को लगभय यह सुरक्षा मिली हुई है. यह सुरक्षा Z+ से ऊपर की केटेगरी की होती है. इसमें सुरक्षा का ज्यादा इंतजाम होता है.