आनंद मोहन की रिहाई और चेतन आनंद का राजनीतिक भविष्य तय करेगी ‘सिंह गर्जना रैली’

पटना. पिछले 14 वर्षों से जेल में बंद आनंद मोहन की रिहाई के बहाने अब उनके पुत्र और शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने राजपूत समाज को एक एकजुट करने की कोशिश शुरू कर दी है. इसी क्रम में चेतन आनंद पहले बिहार और अब झारखंड में राजपूत समाज से लगातार सम्पर्क बना रहे हैं. झारखंड दौरे के क्रम में आदित्यपुर पहुंचे बिहार के नेता आनंद मोहन की पत्नी और पूर्व सांसद लवली आनंद और शिवहर के विधायक चेतन आनंद ने बुधवार को सबसे पहले पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह से मुलाकात की. इस मुलाकात में पटना में होने वाली सिंह गर्जना रैली पर चर्चा हुई.
लवली और चेतन ने बाद में क्षत्रिय संघ के केंद्रीय अध्यक्ष शंभूनाथ सिंह के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की. आनंद मोहन की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत पटना में 29 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि के दिन सिंह गर्जना रैली का आयोजन करने की योजना है. इस रैली में लवली और चेतन के आलावा बिहार, झारखंड के कई बड़े नेताओं को एक मंच पर लाने की तैयारी है. इसके लिए लवली और चेतन जमशेदपुर परिसदन पहुंचे. दोनों नेताओं ने कहा कि वे पटना में 29 जनवरी को आयोजित सिंह गर्जना रैली को लेकर फ्रेंड्स ऑफ आनंद के समर्थकों को न्योता देने आए हैं.
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि पटना में क्षत्रियों का जुटान कर बिहार सरकार पर पिछले 14 वर्षों से जेल में बंद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर दबाव बनाना एक ऐसी पहल होगी जो राजपूत समाज को एकजुट करने की दिशा देने में अहम भूमिका निभा सकती है. क्षत्रिय समाज में बिहार में फ़िलहाल ऐसा कोई नेता नहीं है जिनके नाम पर पूरा समाज एकजुट हो. ऐसे में आनंद मोहन के बहाने लवली और चेतन दूर की गोटी खेल सकते हैं.
यही कारण है कि न सिर्फ आनंद मोहन की रिहाई बल्कि पटना में महाराणा प्रताप की आदमकद प्रतिमा लगवाने के लिए बिहार सरकार पर दबाव बनाया जा रहा है. लवली और चेतन सहित आनंद मोहन के समर्थकों का दावा रहा है कि आनंद मोहन निर्दोष हैं और जानबूझकर फंसाकर पिछले 14 वर्षों से सलाखों के पीछे रखा गया है. अब ‘सिंह गर्जना रैली’ के बहाने राजपूत समाज की सहानुभूति बटोरने की कोशिश की जाएगी.