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समाजवादी इत्र के मालिक के यहाँ मिले टैक्स चोरी के इतने रुपए कि आयकर अधिकारियों के उड़ गए होश

समाजवादी इत्र के मालिक के यहाँ मिले टैक्स चोरी के इतने रुपए कि आयकर अधिकारियों के उड़ गए होश

लखनऊ. देश के राजस्व को नुकसान पहुँचाने वाले कारोबारियों द्वारा टैक्स-चोरी कितने बड़े पैमाने पर की जाती है इसका जाता उदाहरण उत्तर प्रदेश में सामने आया है. आयकर विभाग की ओर से कानपुर में इत्र कारोबारी पीयूष जैन और शिखर पान मसाला कारोबारी केके अग्रवाल के यहां की गई छापेमारी में इतनी बड़ी बेनामी सम्पत्ति का खुलासा हुआ है कि अब आयकर टीम भी हतप्रभ है. 

शुक्रवार दोपहर तक पीयूष जैन के ठिकाने से 160 करोड़ रुपए नगद मिल चुके थे. यह नगदी बरामदगी का एक रिकॉर्ड है. पिछले 24 घंटे से जारी छापेमारी में आयकर को और भी कई प्रकार की बेनामी संपत्ति का पता चला है. वहीं पान मसाला कारोबारी केके अग्रवाल के ठिकानों पर भी जांच चल रही है. दोनों की पहचान यूपी के बड़े कारोबारियों में हैं. 

सूत्रों के अनुसार पीयूष जैन के यहाँ जब नोट की गड्डियां मिलनी शुरू हुई तो आयकर अधिकारियों के होश उड़ गए. बरामद नोटों को गिनने के लिए 9 नोट गिनने वाली मशीने लगाई गई हैं. यहाँ तक कि कुछ बैंक कर्मियों को भी इस काम में साथ लिया जा रहा है. वहीं नोटों को रखने के लिए 50 बड़े बड़े लोहे के ट्रंक लाने की खबर है. आयकर सूत्रों का कहना है जब तक नोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती तब तक जब्त धनराशि और अन्य सम्पत्तियों का कुल आंकड़ा स्पष्ट नहीं होगा. कानपुर के जूही थानाक्षेत्र के आनंदपुरी में रहने वाले इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर से अबतक की छापेमारी में आईटी टीम को 160 करोड़ से अधिक रुपयों की बरामदगी हुई है.


पैसों को गिनते हुए जो तस्वीर सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई है उसे देखकर लगता है मानो कोई खजाना हाथ लगा हो. आरोप है कि कई फ़र्ज़ी फर्मों के नाम से बिल बनाकर पीयूष जैन की कंपनी ने करोड़ो रुपयों की GST चोरी की है. पीयूष के बेटे प्रत्युष जैन को आयकर अपने साथ ले गई है. आईटी टीम के साथ अहमदाबाद से आई डीजीजीआई की टीम भी इस अभियान में शामिल है.

अब इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है. भाजपा ने कारोबारियों को समजवादी पार्टी का नजदीकी बताया है. यूपी भाजपा ने ट्वीट कर कहा,  ‘यह है सपाइयों का असली रंग. समाजवादी इत्र से ‘भ्रष्टाचार की गंध’ छिप नहीं पाई अखिलेश जी. करोड़ों-करोड़ों का काला धन आपके झूठे समाजवाद की पोल खोल रहा है. इत्र की विशेषता खुशबू होती है. मगर यदि इत्र सपा वालों के हाथ लग जाये तो वे इसकी महक को भी मार देते हैं. सपा मतलब- यत्र (इत्र), तत्र, सर्वत्र भ्रष्टाचार. सपा मतलब भ्रष्टाचार… ये नई नहीं, वही सपा है.’ हालाँकि सपा ने इस पर सफाई देते हुए जैन से पार्टी के संबंधों से इनकार किया है. हालाँकि हाल ही में जारी एक इत्र की तब खूब चर्चा हुई थी जब समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह  साइकिल का उस पर इस्तेमाल हुआ था. 

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