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...तो डर गए मुख्यमंत्री ? मंत्री 'मंसूरी' व बिगड़ी लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलते 'नीतीश' ? गृह विभाग की चर्चा को ही कराया स्थगित, BJP का भारी विरोध

...तो डर गए मुख्यमंत्री ? मंत्री 'मंसूरी' व बिगड़ी लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलते 'नीतीश' ? गृह विभाग की चर्चा को ही कराया स्थगित, BJP का भारी विरोध

PATNA:  बिहार विधानसभा में गृह विभाग के बजट पर अब चर्चा नहीं होगा. अगर चर्चा होती तो प्रभारी मंत्री के नाते सीएम नीतीश कुमार को जवाब देना पड़ता. लेकिन चर्चा कराने से सरकार पीछे हट गई। बजाप्ता विस कार्य मंत्रणा समिति की बैठक बुलाई. जिसमें तय किया गया कि गृह विभाग के बजट पर सदन में चर्चा नहीं होगी. हालांकि बैठक में भाजपा ने कड़ा विरोध दर्ज किया. आज मंगलवार को भोजनावकाश के बाद जब विस की कार्यवाही शुरू हुई तब भी नेता प्रतिपक्ष ने सदन में कड़ा विरोध जताया. लेकिन बहुमत वाली सरकार ने यह तय कर लिया था कि सदन में गृह विभाग की मांग पर चर्चा नहीं होगी. इस तरह से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गृह विभाग जिसके जिम्मे लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी है, उस पर बोलने से बच गए। भाजपा ने कहा है कि मर्डर केस में फंसे अपने मंत्री को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने गृह विभाग की मांग पर चर्चा को ही स्थगित करा दिया. 

विजय सिन्हा का नीतीश पर हमला 

बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि सरकार की पहल पर कार्यमंत्रणा की बैठक कर गृह विभाग की माँग संख्या 22 को विलोपित कर दिया जाना असंवैधानिक एवं तेजस्वी के समझ नतमस्तक हो जाने का प्रतीक है।सिन्हा ने कहा कि सभाध्यक्ष के कक्ष में आज कार्यमंत्रणा समिति के गृह विभाग के विलोपन के प्रस्ताव पर उन्होंने भारी विरोध किया। परंतु सरकार एवं सत्तापक्ष के सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्होंने कहा कि गृह विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा कराने से मुख्यमंत्री डर गये। इस चर्चा में मंत्री इजरायल मंसूरी, सीबीआई, ईडी, हत्या, अपहरण, रंगदारी, लूट, बलात्कार एवं बैक डकैती का मुद्दा उठाया जाना था। इसे रोकने के लिये सरकार ने सुनियोजित ढंग से यह षडयंत्र किया।

विजय सिन्हा ने कहा कि कुल 11 अनुदान की माँग पर सदन में चर्चा की व्यवस्था राज्यपाल द्वारा जारी सम्मन में था । लेकिन 7 और 10 मार्च को कुल दो अनुदान की माँगों पर पहले ही स्थगित कर दिया गया। आज तीसरे मांग पर स्थगन आया। इस प्रकार कुल मांग 11 में से 3 मांग को विलोपित कर 25 % से ज्यादा मांगों को प्रभावित कर दिया है। अब बाढ़ आने  के नाम पर गृह के बदले जल संसाधन विभाग को उसके स्थान पर रख दिया गया है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार ने बजट सत्र की धज्जियाँ उड़ा दी. यह कार्रवाई दर्शाता है कि सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कितनी डरी हुई है।  शासन के लोग ही अपराध और संगीन मामलों को बढ़ावा दे रहे हैं। पूर्वक यह है कि किसी दिन अगर सत्र स्थगित होता है तो उसे अगले खाली दिन या छुट्टी के दिन व्यवस्थापन किया जाता था। उन्होंने कहा कि जनता देख रही है कि सरकार किस प्रकार अपराधियों और भ्रष्टाचारियों की गिरफ्त में आ गई है। उचित समय आने पर जनता इन्हें मुँह तोड़ जबाब देगी।

विजय सिन्हा ने कहा कि कार्यमंत्रणा की बैठक की संसूचना विरोधी दल के द्वारा सदन में देने की परंपरा रही है। लेकिन अध्यक्ष ने सत्तापक्ष के द्वारा प्रस्ताव पढ़वाया।सिन्हा ने कहा कि भाजपा सरकार के गुंडाराज भ्रष्टाचार एवं तानाशाही का सदन से सड़क तक मुकाबला कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

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