PATNA : क्ववेश्चन पेपर लीक और बड़ी संख्या में सॉल्वरों के पकड़े जाने के बाद सिपाही भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई है। साथ ही सात और 15 अक्टूबर को होनेवाली परीक्षा भी स्थगित कर दी गई है। जिसके बाद परीक्षा में शामिल लाखों परीक्षार्थी निराश हैं। वहीं परीक्षा रद्द होने के बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार पर अपना हमला तेज कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने जिस तरह परीक्षा में गड़बड़ी हुई उसके बाद अब सरकार के बहाली के सिस्टम औऱ उससे जुड़े लोगों पर राज्य की जनता संदेह की दृष्टि से देख रही है। राज्य सरकार यहां के युवाओं के साथ भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।
निशाने पर आए पूर्व डीजीपी, पद से हटाने की मांग
वहीं परीक्षा रद्द होने के बाद केंद्रीय चयन पर्षद के अध्यक्ष व बिहार के पूर्व डीजीपी एसके सिंघल भी सवालों के घेरे में हैं। विजय सिन्हा ने कहा कि पर्षद के अध्यक्ष एस के सिंघल खुद दागी हैं।इस परीक्षा में सुनियोजित ढंग से गड़बड़ी कराई गई।अभ्यर्थियों ने मुझे पेपर लीक होने की सूचना दी।हमने मीडिया के माध्यम से जाँच कराने हेतु सरकार से आग्रह किया।सिंघल अंतिम समय तक कह रहे थे कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई।खैर सरकार को इसमें गड़बड़ी का एहसास हुआ जब आर्थिक अपराध की जाँच में इसका खुलासा हुआ।परीक्षा रद्द हुई। अब बड़ा प्रश्न है कि सिंघल को सरकार आरोपी मानते हुए पद से बर्खास्त क्यों नहीं कर रही है।हमारी माँग है इन्हें अबिलम्ब हटाया जाए।
BPSC पेपर लीक में क्या की कार्रवाई
दूसरा महत्वपूर्ण विषय है कि BPSC, SSC, सहित अन्य परीक्षा में गड़बड़ी पाए जाने पर परीक्षा तो रदद् हुई पर किसी पर कार्रवाई नहीं हुई?इसकी जांच कर इनपर कार्रवाई हो। पूरे मामले में सरकार की संलिप्तता है इसलिए कार्रवाई नहीं होती है।
विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार के युवाओं की प्रतिभा का हनन करना बंद करे सरकार। इसमें संलिप्त अधिकारियों व विभागों के पदाधिकारियों पर नकेल कस पूरे प्रकरण की जाँच सीबीआई या सिटिंग जज से कराये।