अजब- गजब: देश का एकमात्र रेलवे स्टेशन, जहां सही हो जाती है शेक्सपीयर की लाइन- नाम में क्या रखा है ? जाने पूरी खबर...

DESK: भारतीय रेलवे की गिनती एशिया के दूसरे सबसे बड़े रेल नेटवर्क में होती है। जानकारी के अनुसार देश में कुल 7612 रेलवे स्टेशन हैं। कई रेलवे स्टेशन अपनी खासियत के कारण चर्चा में रहते हैं तो कई अपने अजीब नाम के कारण। लेकिन देश में एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है, जो अपने 'बेनाम' नाम के कारण ही चर्चित है। इसकी पहचान बेनाम नाम से है।
दो गांवों के बीच फसाद का असर
जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा, दरअसल पश्चिम बंगाल के आद्रा रेलवे डिवीजन में एक ऐसा भी रेलवे स्टेशन है, जिसका कोई नाम ही नहीं है। आद्रा रेलवे डिवीजन की बांकुरा-मैसग्राम रेल लाइन पर स्थित यह स्टेशन दो गांवों रैना और रैनागढ़ के बीच में पड़ता है। इस स्टेशन को साल 2008 में बनाया गया था। यह वर्धमान शहर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर है। अपने शुरुआती दौर में यह स्टेशन रैनागढ़ के नाम से जाना जाता था। टिकट भी इसी नाम से कटते थे। लेकिन बाद में रैना गांव के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। रैना गांव के निवासी इस स्टेशन का नामकरण अपने गांव के नाम पर करने की मांग करने लगे। इसी बात को लेकर दोनों गांव के लोगों के बीच में झगड़ा शुरू हो गया। मामले ने तूल भी पकड़ लिया और जब पूरा मामला रेलवे बोर्ड के पास पहुंचा तो उसने इस झगड़े को सुलझाने के लिए नायाब तरकीब निकाली।
साइनबोर्ड से ही निकाल दिया नाम
दरअसल रेलवे बोर्ड ने दो गांवों के बीच में फसाद न हो, इसके लिए उसने स्टेशन के साइनबोर्ड से स्टेशन का नाम ही हटा दिया। अब इस कदम से बाहर से यहां आने वाले यात्रियों को अच्छी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। नाम न होने के कारण यात्रियों को दूसरे लोगों से इसके बारे में पूछना पड़ता है। स्टेशन का अपना कोई नाम नहीं होने के वजह से यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। हालांकि रेलवे अभी भी स्टेशन के लिए टिकट इसके पुराने नाम रैनागढ़ से ही जारी करती है। स्टेशन के नाम को लेकर जारी विवाद कब खत्म होगा यह दोनों गांवों के लोग ही बता सकते हैं। फिलहाल तो यह स्टेशन अपना नाम नहीं होने के कारण ही फेमस है।