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नई शिक्षक नियमावली का भारी विरोध ! भाजपा MLC ने CM नीतीश से पूछा- नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ? शिक्षकों व अभ्यर्थियों के साथ 'धोखा'

नई शिक्षक नियमावली का भारी विरोध ! भाजपा MLC ने CM नीतीश से पूछा- नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ? शिक्षकों व अभ्यर्थियों के साथ 'धोखा'

PATNA: नीतीश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती को लेकर नई नियमावली लाई है. नई नियमावली व नियुक्ति को लेकर कई सालों से लाखो शिक्षक अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे थे. बिहार सरकार ने सोमवार को शिक्षक नियुक्ति को लेकर लेकर नई नियमावली तो लाई, लेकिन नई प्रक्रिया को पढ़कर ही अभ्यर्थियों के होश उड़ गए हैं. इंतजार का फल मीठा होने की बजाय कड़वा हो गया. लिहाजा शिक्षक बहाली की नियमावली के आते ही विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया. शिक्षक नेताओं ने सरकार की नई नियमावली को धोखा व धलावा करार दिया है. भाजपा के विधान परिषद सदस्य व शिक्षक नेता डॉ. नवल किशोर यादव ने ऐलान कर दिया है कि वे इस नियमावली का विरोध करते हैं. साथ ही शिक्षकों के साथ सड़क से लेकर सदन तक साथ खड़ा रहेंगे।

शिक्षक नियमावली के बाद विरोध की आग 

भाजपा विधान पार्षद नवल किशोर यादव ने कहा कि ''नई नियमावली पूर्व से कार्यरत शिक्षकों के साथ धोखा और TET/STET उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए छलावा है'' । पूर्व से कार्यरत शिक्षक सरकार से उम्मीद लगाए बैठे थे कि नई नियमावली के साथ हीं उन्हें राज्य कर्मी का दर्जा मिल जाएगा. सत्तारूढ़ दल द्वारा समान काम समान वेतन और पुरानी पेंशन देने को लेकर जो चुनावी वायदे  किये थे उसे पूरा करेगी. लेकिन नई नियमावली से एक नए संवर्ग का जन्म हो गया है। पूर्व से जो 9 हजार से अधिक नियोजन इकाइयां थी, वह पूर्ववत बनी ही रह गई. ऐसे में इस नियमावली से किसी को क्या फायदा होगा ? जो TET और CTET उत्तीर्ण अभ्यर्थी हैं, उन्होंने जब B.Ed का एंट्रेंस एग्जाम दिया तब उनका नामांकन B.Ed में हुआ. फिर B.Ed में उन्होंने दो बार परीक्षा दी. तब जाकर वह B.Ed पास किए.B.Ed पास करने के बाद TET और CTET जैसी परीक्षा पास कर बहाली की प्रतीक्षा कर रहे थे । अब उन्हें फिर एक नई परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा ।

 बिहार के नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ?

नवल किशोर यादव ने नीतीश सरकार से पूछा है कि बिहार के नौजवान जीवन भर इम्तिहान ही देते रहेंगे ? नई नियमावली के साथ ही पूर्व से कार्यरत शिक्षकों को उम्मीद थी कि उनका स्थानांतरण हो जाएगा, लेकिन जब नियोजन इकाई खत्म नहीं हुई तो उनका स्थानांतरण कैसे होगा? मैं इस छलावा नियमावली का पुरजोर विरोध करता हूंँ। इसके लिए सड़क से लेकर सदन तक शिक्षकों के साथ खड़ा रहूँगा

बता दें, नीतीश कैबिनेट ने सोमवार को फैसला लिया है कि बिहार में अब शिक्षकों की नियुक्ति नई नियमावली के तहत की जाएगी। आयोग द्वारा ली गई परीक्षा को उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थी ही शिक्षक बन सकेंगे। बिहार मंत्रिमंडल की सोमवार को हुई बैठक में राज्य विद्यालय अध्यापक ( नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्यवाही और सेवा शर्त ) नियमावली 2023 को स्वीकृति दी। राज्य सरकार सीधे शिक्षकों की नियुक्ति करेगी। शिक्षक अब राज्यकर्मी होंगे। पंचायत से लेकर नगर निकायों द्वारा शिक्षकों की बहाली का प्रावधान ही खत्म कर दिया जाएगा। शिक्षकों को राज्यकर्मियों की तरह नियमित वेतन, भत्ते और सुविधायें मिलेंगी। सरकार ने पहले से नियुक्त नियोजित शिक्षकों को भी मौका देने का प्रावधान किया है. वे भी एक परीक्षा पास कर नियोजित से नियमित शिक्षक बन सकेंगे। नई नियमावली के तहत सीटीईटी और एसटीईटी पास अभ्यर्थी प्रतियोगिता परीक्षा पास कर शिक्षक बन सकेंगे। यह परीक्षा बिहार लोक सेवा आयोग या किसी अन्य आयोग द्वारा आयोजित की जाएगी। नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी बनने के लिए प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होना पड़ेगा। नियोजित शिक्षकों को उम्र सीमा में छूट मिलेगी। नीतीश सरकार ने शिक्षक बहाली के लिए न्यूनतम उम्र 21 वर्ष कर दी है। 

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