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कुर्सी से चिपकने का ऐसा फितूर है ...रोहिणी ने विशेष राज्य के दर्जे पर नीतीश को घेरा, बोलीं- अजीब विरोधाभासी चरित्र है जनाब का... बेशक पलटने के लिए जाने जाते हैं ...

कुर्सी से चिपकने का ऐसा फितूर है ...रोहिणी ने विशेष राज्य के दर्जे पर नीतीश को घेरा, बोलीं- अजीब विरोधाभासी चरित्र है जनाब का... बेशक पलटने के लिए जाने जाते हैं ...

पटना: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में मोदी सरकार 3.0 का पहला बजट पेश करते हुए बिहार को लगभग 58 हजार करोड़ स्पेशल पैकेज दिया. बिहार को तीन एक्सप्रेस-वे सहित कई बड़ी सौगात मिली है. वहीं इसको लेकर विपक्ष  लगातार हमलावर है. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने बजट को लेकर सीएम नीतीश और केंद्र सरकार को घेरा है.

रोहिणी ने सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफार्म पर लिखा है कि  

कुर्सी से चिपकने का ऐसा फितूर है अवसरवादिता के पुरोधा जी को कि बिहार को विशेष - राज्य का दर्जा दिए जाने की अपनी पुरानी व् बिहार के हित की मांग को भूल कर कल पेश किए गए बजट में बिहार को मिले लॉलीपॉप से ही लहालोट हुए जा रहे हैं, अजीब विरोधाभासी चरित्र है जनाब का " कहते कुछ , करते कुछ और हैं ", बेशक पलटने के लिए जाने जाते हैं , मगर इतना ज्यादा पलटते हैं कि ट्रैक ( गिनती ) रखना भी मुश्किल हो जाता है .. 

रोहिणी ने बजट को  निराशाजनक बताते हुए आगे लिखा है कि - इनकी सरकार में शामिल इनके संगतियों की तो बात ही निराली है , बजट में बिहार के लिए प्रस्तावित प्रावधानों को इतना बढ़ा - चढ़ा कर बता रहे हैं मानो बिहार पर कोई बड़ा अहसान कर दिया गया हो ! विशेष - राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने को जायज ठहराते हुए अपने कुतर्क देते हुए दशकों से दर्जा दिए जाने की विपक्ष की मांग के संदर्भ में अपनी थोथी दलील देते हुए कह रहे हैं कि पूर्ववर्ती शासनकाल में योजना के मद में बिहार को मिलने वाली राशि खर्च नहीं हो पाती थी , इस लिए बिहार को विशेष - राज्य का दर्जा नहीं दिया जाना जायज है और विशेष - राज्य के दर्जे की विपक्ष की मांग जायज नहीं है .. 

विशेष राज्य की मांग खारिज होने पर रोहिणी ने नीतीश और भाजपा पर करारा हमला करते हुए कहा कि ऐसे कुतर्क देते हुए ये लोग भूल जाते हैं कि विशेष - राज्य के दर्जे की मांग सिर्फ विपक्ष की मांग नहीं है , अपितु भाजपा को छोड़ कर बिहार के तमाम राजनीतिक दलों ने बजट प्रस्तुत किए जाने के ठीक पहले तक इसकी मांग की है .. अब रही बात योजना मद में मिली राशि के न खर्च होने की , तो पूर्ववर्ती शासनकाल पर दोष मढ़ने और बिहार के लोगों को बरगलाने से पहले दोष मढ़ने वालों को अपना होमवर्क ठीक से कर लेना चाहिए और 2005 के बाद की सीएजी ( CAG) की तमाम रिपोर्ट्स भी पढ़ लेनी चाहिए , साफ़ हो जाएगा कि किस शासनकाल में योजना मद की कितनी राशि  खर्च हुई ..  

उम्मीद है विपक्ष को  निरंतर अनर्गल प्रलाप करने वाले सरकार में शामिल लोगों को ये बताने की जरूरत नहीं पड़ेगी कि 2005 से आज तक बिहार में किसका शासन है और कौन शासन में कितने सालों तक गठबंधन का साथी रहा व बना हुआ है !!

बहरहाल लालू की लाडली रोहिणी आचार्या ने बजट को निराशाजनक बताते हुए इसे भ्रमित करने वाला बताया है. उन्होंने विशेष राज्य के मुद्दे पर जमकर खरी खोटी सुनाई है.


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