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सुधाकर सिंह के बयान से बिहार में मचा सियासी घमासान, जानिए जदयू, बीजेपी और रालोजद के नेताओं की क्या है राय

सुधाकर सिंह के बयान से बिहार में मचा सियासी घमासान, जानिए जदयू, बीजेपी और रालोजद के नेताओं की क्या है राय

PATNA: पूर्व कृषि मंत्री सुधाकार सिंह अपने विवादित बयान को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। सुधाकार सिंह ने बीते दिन एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर कोई अधिकारी आपकी बात नहीं सुन रहे तो आप अधिकारी के मुंह पर थूक दीजिए। वहीं इस बयान के बाद राज्य में बयानबाजियों का दौर शुरु हो गया है। इस मामले में बीजेपी जदयू-राजद पर जमकर निशाना साध रही है। भाजपा के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि, उनके दर्द को हम समझते हैं। वो भ्रष्ट्राचार के खिलाफ बोले तो उनकी पार्टी ने उनको बाहर निकाल दिया। उन्होंने कहा कि, जनता को कह रहे हैं भ्रष्टाचारी के मुंह पर थूको, सुधाकर सिंह बताएं क्या वह अपने दल के नेता के मुंह पर थूकेंगे, माला पहनाएंगे। उनकी भी पार्टी उनकी बात नहीं सुनती है। अगर उनमें हिम्मत है तो वह अपने भ्रट्राचारियों नेताओं के उपर थूक के दिखाएं। 

वहीं रालोजद प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने सुधाकर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, सुधाकर सिंह ऐसे बयान स्वंय नहीं देते है। उनकी पार्टी उनसे ऐसे बयान दिलवाती है। लालू-तेजस्वी मिलकर सीएम नीतीश का छिछा लेदर करवाना चाहते हैं, इसलिए सुधाकर सिंह को बोलकर ऐसे बयान दिलवा रहे हैं। नीतीश कुमार राजद की चाल को समझ नहीं पा रहे हैं। 

बता दें कि, इस मामले को लेकर जदयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि जिनकी खुद की पार्टी उनको नोटिस नहीं करती हम उसके बायन को लेकर क्या ही कहे। उन्होंने कहा कि यह वाणी विधायक का नहीं हो सकता है। यह आचरण किसी भी सम्मानित जनप्रतिनिधि का शुभनीय नहीं है। यह भाषा उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे भाषा का इस्तेमाल मानिसक दिवालियापन और पागलपन का निशानी है। 

वहीं सुधाकर सिंह के बायन को लेकर मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि, ऐसे बोलते रहना उनकी आदत है। उन्होंने कहा कि सुधाकर सिंह बोल रहे और विपक्ष के लोग सवाल उठा रहे, ये कनेक्शन समझिये। उनकी बातों से उनके दल औऱ समर्थन के दल को कोई परेशानी नहीं हो रही है। बोलते सुधाकर सिंह हैं और परेशान विपक्ष हो जाता है। जब उनके दल को उनके बयान से कोई मतलब नहीं है तो फिर हम कुछ क्यों कहे। उन्होंने कहा कि मीडियाकर्मी को भी सुधाकर सिंह के बयान को तबज्जो नहीं देना चाहिए।

साथ ही बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने सुधाकर सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जनतंत्र में अलोकतांत्रिक व्यवहार नहीं होना चाहिए। लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करना अधिकार है। पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है। यह ओछी बात है। हमें भी मालूम है कि नीतीश कुमार के राज में पदाधिकारी बेलगाम हो गए हैं। जब हम साथ में थे तो कहा करते थे कि यहां पदाधिकारी मंत्री या विधायक की बातों को नहीं सुनते हैं। यही कारण है कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ी है। लोग असहाय महसूस कर रहे हैं। हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के मुंह पर थूक दो, जूता का माला पहना दो।

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