DESK. झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. उन्हें व उनके परिजनों से कथित रूप से जुड़ीं फर्जी खनन कंपनियों को खदानों के आवंटन से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज कोई अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार कर दिया. इस मामले में दाखिल SLP पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की SLP पर सुनवाई के लिए 11 जुलाई की तारीख़ मुकर्रर की है.
झारखंड सरकार ने हाईकोर्ट की सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की थी. इस पर सुप्रीम कोर्ट के अवकाशकालीन न्यायाधीश जेके माहेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने अंतरिम राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट को फैसला कर लेने दीजिए. मामले की टुकड़े-टुकड़े में सुनवाई नहीं की जा सकती. झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के आग्रह पर शीर्ष कोर्ट ने मामले की सुनवाई ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद उपयुक्त पीठ के समक्ष पेश करने का आदेश दिया.
राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुरोध पर शीर्ष अदालत ने गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। रोहतगी ने कहा था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीति से प्रेरित है।
रोहतगी ने कहा कि उच्च न्यायालय हर दिन मामले पर सुनवाई कर रहा है और उन्हें समझ नहीं आता कि मामले में इतनी त्वरित सुनवाई की क्या आवश्यकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह मामले में त्वरित सुनवाई की आवश्यकता के बारे में जानकारी देंगे।
झारखंड उच्च न्यायालय में सोरेन के परिजन एवं सहयोगियों की कुछ मुखौटा कंपनियों के जरिए लेनदेन और खनन पट्टा देने में कथित अनियमितताओं के मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच का अनुरोध किया गया है।