PATNA : निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 68 लोगों पर केस दर्ज किया है किशनगंज कलेक्ट्रेट में कर्मचारियों की अवैध बहाली मामले में सभी के खिलाफ निगरानी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इनमें किशनगंज समाहरणालय के तत्कालीन उप समाहर्ता व्यास मुनि प्रधान और तत्कालीन प्रधान लिपिक सदानंद शर्मा भी शामिल है।
बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने 2017 में बहाली की निगरानी जांच का आदेश दिया था। निगरानी विभाग ने जांच में पाया कि शिकायत करने वाले अभ्यर्थी उमाशंकर का आरोप सही है।
उत्तर पुस्तिका और टेबुलेशन रजिस्टर में छेड़छाड़ की बात सामने आई। कई कॉपियों में अधिक अंक को काटकर कम कर दिया गया तो किसी में काटकर अधिक कर दिया गया।
शिकायतकर्ता उमाशंकर प्रसाद को 83 अंक मिले थे, जिससे घटाकर 53 कर दिया गया।
बता दें कि 1999 में किशनगंज कलेक्ट्रेट में फोर्थ ग्रेड कर्मचारियों की बहाली के लिए 143 रिक्तियां निकाली गई थी, लेकिन वहां रिक्ति से अधिक यानी 147 लोगों को बहाल कर दिया गया।इनमें से 66 कर्मियों की बहाली फर्जी पाई गई।
2004 में ही अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को मामले का जांच का आदेश दिया था।
विवेकानंद की रिपोर्ट