इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण कल लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण है और यह सूर्य ग्रहण गुरुवार के दिन पौष मास की अमावस्या पर सुबह 08:17 मिनट से लेकर 10:57 मिनट तक रहेगा। देश की राजधानी दिल्ली में सुबह 8:17 बजे से 10:57 बजे तक सूर्यग्रहण देखने का मौका राजधानी वासियों को मिलेगा। हालांकि इस दौरान आंखों को सूर्य के तेज से बचाने के लिए विशेष सुरक्षा चश्मे या अन्य साधन उपयोग करने होंगे। वहीं उत्तर भारत में यह सूर्यग्रहण पूर्ण नहीं होगा, जबकि दक्षिण भारत के कई हिस्सों में पूर्ण एन्युलर यानी कुंडलाकार सूर्यग्रहण नजर आएगा।
सूर्यग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है जिसमें सूर्य और पृथ्वी के मध्य में चंद्रमा आ जाता है। दक्षिण भारत इस यादगार खगोलीय घटना के मामले में भाग्यशाली होगा, यहां तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के कई हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण नजर आएगा।
इसके अलावा विश्व में सऊदी अरब, कतर, यूएई, ओमान, श्रीलंका, मलयेशिया, इंडोनेशिया, सिंगापुर, उत्तरी मारियाना द्वीप आदि में इसे देखा जा सकेगा। पृथ्वी पर यह सबसे पहले कतर और ओमान में शुरू होगा, वहीं भारत में यह केरल में कासरगोड के चेरुवथुर में शुरू होगा। भारत में प्रमुख शहरों सबसे पहले मुंबई में 8:04 बजे शुरू होगा और सबसे आखिर तक अगरतला में 11:39 बजे तक देखा जा सकेगा। वहीं पोर्ट ब्लेयर में सबसे अधिक समय 3:36 घंटे तक यह रहेगा।
ग्रहण के दौरान सूर्य को नग्न आंखों से देखना आंखों की सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। इसके लिए केवल ऐसे चश्मे उपयोग कियाजानाचाहिए जो आईएसओ 12312-2 सर्टिफाइड हों, यह सुझाव अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने जारी किया है। इसके अलावा वेल्डिंग के दौरान उपयोग होने वाले चश्मे या पिनहोल प्रोजेक्टर का उपयोग कर सकते हैं। सूर्यग्रहण के दौरान खाना, पीना और अपने रोजमर्रा के काम करना सुरक्षित है। इससे कोई नुकसान नहीं होता।
गुरुवार को सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य एक आग के छल्ले जैसा नजर आएगा। इसका कारण यह है कि इन दिनों सूर्य पृथ्वी के अपेक्षाकृत निकट है जबकि कि चंद्रमा दूर है। अत: चंद्रमा सूर्य को पूरा नहीं ढक पाएगा और इसकी परिधि नजर आती रहेगी।