सुशील मोदी बोले : घृणा की राजनीति करनेवाला शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं, ऐसे लोगों पर चले राजद्रोह का केस

PATNA : बिहारे के शिक्षा मंत्री द्वारा रामचरित मानस को नफरत फैलानेवाला ग्रंथ बताए जाने पर भाजपा की तरफ से लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं सुशील मोदी ने कहा कि यह कोई आश्चर्च की बात नहीं है। दो दिन पहले ही उनके प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठा चुके हैं। उसे नफरत की भूमि बताया था। अब उनका एक मंत्री रामचरित मानस को नफरत फैलानेवाला बता रहा है। जबकि यह सभी भूल जाते हैं कि राजद के तमान नेता जिसे अपना गुरू मानते हैं. वह खुद राम को कितना मानते थे।

सुशील मोदी ने राम मनोहर लोहिया की जिक्र करते हुए कहा राजद के प्रवर्तक माने जाते है. उन्होंने चित्रकूट में रामायण मेला आयोजित किया था।आज उनके अनुयायी राम और राम चरित मानस को नफरत फैलानेवाला बताते हैं। ऐसे बयान देकर चंद्रशेखर ने साबित कर दिया कि वह शिक्षा मंत्री बनने के योग्य नहीं हैं। ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। 

निषाद राज और सबरी का किया जिक्र

चंद्रशेखर के बयान पर आपत्ति जताते हुए सुशील मोदी ने कहा कि वह कहते हैं कि उन्होंने पीएचडी किया है। रामचरित मानस को जातिगत भेदभाव वाला ग्रंथ बताया। जबकि सच्चाई यह है कि आज सबसे ज्यादा लोकप्रिय ग्रंथ रामचरित मानस है। जहां तक जातिगत भेदभाव की बात है तो रामायण से जुड़े सभी ग्रंथों में निषाद राज और सबरी का जिक्र है। सबरी के जुठे बेर श्रीराम ने खाए थे। आज मुसहर समाज सबरी की पूजा करता है। सुशील मोदी ने कहा चंद्रशेखर ऐसे बयान देकर समाज में घृणा पैदा कर रहे हैं, उनके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा किया जाना चाहिए।

लाठी चार्ज पर बोले

सुशील मोदी ने बक्सर में किसानों पर पुलिस की पिटाई को गलत बताते हुए कहा कि इसमें किसी प्रकार की जांच की आवश्यकता नहीं है। वीडियो में साफ दिखता है, तत्काल सभी दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जाए। सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री को नसीहत देते हुए कहा कि इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनाएं। किसानों की मांग जायज है। उन्हें उनका मुआवजा मिलना चाहिए।