पटना. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बुधवार को कुढ़नी में चुनाव प्रचार करेंगे. वे कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी मनोज कुशवाहा के लिए वोट मांगेंगे. सूत्रों के अनुसार जदयू उम्मीदवार के लिए तेजस्वी यादव के अलावा महागठबंधन के कई अन्य नेता 30 नवंबर को कुढ़नी में चुनाव प्रचार करेंगे. इसमें जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और वरिष्ठ राजद नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी हो सकते हैं. कुढ़नी में यह पहला मौका होगा जब महागठबंधन उम्मीदवार के लिए एक साथ महागठबंधन के विभिन्न घटक दलों के नेता एक साथ मंच पर आएंगे.
तेजस्वी यादव के कुढ़नी में चुनाव प्रचार करने को लेकर संदेह जताया जा रहा था. कहा जा रहा था कि जैसे नीतीश कुमार इसी महीने सम्पन्न मोकामा और गोपालगंज विधानसभा उपचुनाव में राजद प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं गए थे. उसी तरह तेजस्वी भी कुढ़नी नहीं जाएंगे. हालांकि नीतीश ने मोकामा और गोपालगंज नहीं जाने के पीछे अपने पेट में लगी चोट को कारण बताया था. वहीं मोकामा से जब राजद उम्मीदवार नीलम देवी ने जीत हासिल की तब नीतीश के साथ उनकी मुलाकात हुई थी. वहीं इन तमाम आशंकाओं को सिरे से ख़ारिज करते हुए अब तेजस्वी के कुढ़नी जाने का कार्यक्रम तय हो गया है.
सूत्रों के अनुसार तेजस्वी यादव की कुढ़नी में 30 नवंबर के अलावा 2 दिसम्बर को भी चुनाव प्रचार करने जा सकते हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2 दिसम्बर को कुढ़नी में मनोज कुशवाहा के लिए वोट मांगने जाएंगे. उनके साथ ही तेजस्वी यादव के भी कुढ़नी में चुनाव प्रचार करने जाने का कार्यक्रम बन सकता है. यह पहला मौका होगा जब नीतीश और तेजस्वी एक मंच से चुनाव प्रचार करते दिखेंगे.
कुढ़नी में जदयू के मनोज कुशवाहा का मुकाबला भाजपा के केदार गुप्ता से है. वहीं मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी ने नीलाभ कुमार को उम्मीदवार बनाकर मुकाबला रोचक बना दिया है. दरअसल, कुढ़नी में जातीय समीकरणों के हिसाब से भूमिहार जाति के मतदाताओं की प्रभावशाली संखया है. नीलाभ भी भूमिहार हैं. चुकी भाजपा और जदयू दोनों को भूमिहार जाति का वोट मिलने की संभावना रही है. ऐसे में नीलाभ के वीआईपी से उतरने से दोनों दलों की चिंता बढ़ी है. कुढ़नी में सहनी मतदाता भी 25 से 30 हजार माने जाते हैं. ऐसे में भूमिहार और सहनी मतदाता अगर नीलाभ का समर्थन करते हैं तो इससे मुकाबला त्रिकोणीय हो जाएगा.
माना जा रहा है कि वोटों के इस बिखड़ाव की संभावना को देखते हुए महागठबंधन ने पूरी ताकत झोंकी है. कुढ़नी में यादव, कुशवाहा-कुर्मी और मुस्लिम वोटों से महागठबंधन को बड़ी उम्मीद है. वहीं भाजपा ने वैश्य समुदाय से आने वाले केदार गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. तीनों की उम्मीदवार इसी कारण अपने अपने जातीय वोट बैंक को गोलबंद करने में लगे हैं. इन सबके बीच ओवैसी की पार्टी ने उम्मीदवार उतारकर मुस्लिम वोटों के टूटने का खतरा बढ़ा दिया है.