जातीय सर्वे में शिक्षकों को शामिल करने से शिक्षक संघ नाराज, कहा - शिक्षा का माहौल खराब करना चाह रही है सरकार

जातीय सर्वे में शिक्षकों को शामिल करने से शिक्षक संघ नाराज, कहा - शिक्षा का माहौल खराब करना चाह रही है सरकार

PATNA : पटना उच्च न्यायालय द्वारा जाति आधारित गणना कराए जाने के पक्ष में फैसला आने के बाद बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष श्री ब्रजनंदन शर्मा कार्यवाहक अध्यक्ष श्री मनोज कुमार महासचिव श्री नागेंद्र नाथ शर्मा वरीय उपाध्यक्ष श्री नुनू मणि सिंह उपाध्यक्ष श्री घनश्याम यादव एवं प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी प्रेमचंद्र में संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ का मानना है शिक्षकों को किसी भी तरह के गैर शैक्षणिक कार्य में ना लगाया जाए इससे बिहार में शिक्षा का माहौल खराब हो जाता है।

एक तरफ विभाग और सरकार बिहार में शिक्षा का माहौल बनाने के तरफ कार्य करने का दंभ भर रही है तो दूसरी तरफ बने बनाए माहौल को खराब करने हेतु बड़े पैमाने पर शिक्षकों को जाति आधारित गणना जैसे गैर शैक्षणिक कार्य में प्रतिनियुक्त कर रही है जो बिल्कुल ही शिक्षा हित में नहीं है

अपर मुख्य सचिव श्री के के पाठक जीने पत्र जारी कर स्कूल को संचालित करने लायक संख्या में शिक्षकों को छोड़कर शेष को प्रतिनियुक्त करने को कहा है उन्हें जमीनी हकीकत नहीं मालूम है सच्चाई यह है कि जो लोग पिछले दिनों जाति आधारित गणना में लगाए गए थे। उन सभी लोगों को वर्तमान आदेश के आलोक में जाति आधारित गणना में लगना होगा ऐसी स्थिति में बहुत सारे विद्यालय बंद होने की स्थिति में आ जाएंगे  किसी किसी विद्यालय में 1-2 से 4 की संख्या में शिक्षक बच जाएंगे ऐसे में विद्यालय का शैक्षणिक कार्य पूरी तरह चरमरा जाने का खतरा है।

इन शिक्षक नेताओं ने मांग की है कि बिहार के सभी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य यथा जाति आधारित जनगणना कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति बी एल ओ जैसे कार्य से बिल्कुल अलग किया जाए ताकि बिहार में पठन-पाठन का माहौल बना रहे। इस आशय की सूचना संघ की ओर से विज्ञप्ति जारी कर प्रवक्ता प्रेमचंद्र ने प्रेस को दी

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