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तेज प्रताप की बढ़ी मुश्किलें, पत्नी ऐश्वर्या पर हुए घरेलू हिंसा के मामले में हाईकोर्ट ने दिए सुनवाई के आदेश

तेज प्रताप की बढ़ी मुश्किलें, पत्नी ऐश्वर्या पर हुए घरेलू हिंसा के मामले में हाईकोर्ट ने दिए सुनवाई के आदेश

PATNA : राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अपनी शादी को लेकर चर्चा में आ गए हैं। पत्नी ऐश्वर्या द्वारा तेज प्रताप यादव के खिलाफ लगाए गए घरेलू हिंसा के मामले में सुनवाई करने के आदेश हाईकोर्ट ने दिया है। साथ ही कोर्ट ने फैमिली कोर्ट को निर्देश दिया है कि वह तीन महीने में इस मामले का निपटारा करें। न्यायमूर्ति पी बी बजनथरी तथा न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की खंडपीठ ने बुधवार को ऐश्वर्या की अपील को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया।

फैमिली कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

21 दिसंबर 2019 को फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश ने घरेलू हिंसा की बजाय हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 24 के तहत ऐश्वर्या के पति तेज प्रताप यादव को प्रतिमाह 22 हजार रुपए के साथ ही मुकदमा खर्च के लिए 2 लाख रुपए देने का निर्देश दिया। 

ऐश्वर्या ने फैमिली कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। ऐश्वर्या का कहना था कि उसने इस तरह की मांग ही नहीं की थी। फैमिली कोर्ट ने घरेलू हिंसा को नजरअंदाज कर गलत तरीके से हिंदू मैरेज एक्ट के तहत आदेश पारित कर दिया। कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार करते हुए फैमिली कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया।

साल पहले धूमधाम से हुई थी शादी

12 मई 2018 को ऐश्वर्या-तेजप्रताप की शादी हुई थी। शादी के कुछ महीने बाद ही तेज प्रताप ने फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन दे दिया था। यह मामला सचिवालय थाना भी पहुंचा। ऐश्वर्या ने आरोप लगाया था कि सास राबड़ी देवी ने दहेज के लिए अत्याचार किए हैं। ननदें ताने मारती थीं। ऐश्वर्या ने राबड़ी देवी, बड़ी ननद मीसा भारती और तेज प्रताप के खिलाफ घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया था।

फैमिली कोर्ट ने घरेलू हिंसा के आरोपों पर विचार ही नहीं किया

ऐश्वर्या ने घरेलू हिंसा निवारण कानून के तहत, मासिक भरण-पोषण के लिए एक अर्जी तेजप्रताप के तलाक वाले मुकदमे में ही डाली। इस कानून के तहत मासिक मेंटेनेंस की राशि मिलेगी। परिवार न्यायालय ने ऐश्वर्या के घरेलू हिंसा के आरोपों पर कोई विचार किए बगैर ही उसे प्रति माह 22 हजार बतौर भरण पोषण तलाक का मुकदमा लड़ने तक के लिए तय कर दिया था।

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