PATNA : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव केन्द्र और नीतीश सरकार पर हमले करने के लिए जाने जाते हैं. लेकिन तेजस्वी यकायक राजनीति छोड़कर अध्यात्मिक गुरू की भूमिका में नजर आएं. तेजस्वी ने राजनीति को साइड कर जमकर अध्यात्म के बार में ज्ञान दिया.
दरअसल शुक्रवार को तेजस्वी पूर्णिया में 38वां कबीर महोत्सव के आयोजन में हिस्सा लेने पहुंचे थे. यहां तेजस्वी यादव पूरी तरह अध्यात्मिक रंग में सराबोर नजर आएं. तेजस्वी ने यहां संत कबीर के दिए गए योगदान की जमकर चर्चा की और कहा कि वो आज भी प्रासंगिक हैं. तेजस्वी ने कहा कि समता मूलक समाज की मशाल को जन-जन तक पहुंचाने में संत कबीर का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने उनकी पंक्तियों को दोहराया कि दुर्बल को न सताइए जाकि मोटी हाय, बिना जीव की हाय से लोहा भस्म हो जाय'।
तेजस्वी यादव ने कहा कि धार्मिक पाखंड का विरोध करते हुए कबीर कहते हैं कि भगवान को पाने के लिए हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है. वह तो घट-घट का वासी है. उसे पाने के लिए हमारी आत्मा शुद्ध होनी चाहिए. भगवान न तो मंदिर में है, न मस्जिद में हैं. वह तो हर मनुष्य में है.