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'नीतीश' को साथ रखने के बाद भी गोपालगंज नहीं जीत सके 'तेजस्वी', महागठबंधन की हार से BJP में जबरदस्त उत्साह

'नीतीश' को साथ रखने के बाद भी गोपालगंज नहीं जीत सके 'तेजस्वी', महागठबंधन की हार से BJP में जबरदस्त उत्साह

PATNA: नीतीश कुमार को साथ रखने के बाद भी तेजस्वी यादव गोपालगंज विस सीट नहीं जीत सके. बीजेपी ने एक बार फिर से गोपालगंज सीट जीत कर बता दिया कि जेडीयू की बदलौत नहीं बल्कि संगठन और पार्टी की नीतियों की वजह से गोपालगंज में जीत मिलते आई है। सारी कोशिश के बाद भी राजद प्रत्याशी की हार हो गई। 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी साथ थी,तब बीजेपी कैंडिडेट सुबाष सिंह चुनाव जीते थे. इस बार नीतीश कुमार की पार्टी बीजेपी के साथ नहीं है. फिर भी भाजपा ने जीत का सिलसिला जारी रखा. 2015 में भी नीतीश कुमार के बिना ही गोपालगंज सीट पर भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई थी. गोपालगंज में जीत और मोकामा सीट पर 63 हजार मत मिलने से भाजपा काफी उत्साहित है. 

बिना जेडीयू चुनाव जीत बीजेपी ने नीतीश को दिया चैलेंज

बिहार विधानसभा की दो सीट मोकामा और गोपालगंज में हुए उप चुनाव में एक सीट राजद और दूसरी सीट भाजपा के खाते में गई। गोपालगंज सीट जीत कर भाजपा ने अपनी प्रतिष्ठा बचा ली है. साथ ही अपने पूर्व के सहयोगी नीतीश कुमार की पार्टी को साफ मैसेज दे दिया है कि बिना जेडीयू के सहयोग के भी भाजपा की जीत संभव है. बीजेपी के सीटिंग विधायक सुबाष सिंह के निधन के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी कुसुम देवी को चुनावी मैदान में उतारा । भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को 70053 मत मिले, जबकि राजद कैंडिडेट मोहन प्रसाद गुप्ता को 68259 वोट. ओवैसी की पार्टी ने भी कमाल कर दिया. एआईएमआईएम कैंडिडेट अब्दुल सलाम को 12214 मत मिले. जबकि साधु यादव की पत्नी बसपा उम्मीदवार इंदिरा यादव को 8854 मत . इस तरह से बीजेपी कैंडिडेट कुसुम देवी 1794 मतों से जीत दर्ज की. 

इस बार यादव वोटरों ने खास बिखराव नहीं, साधु हुए संट  

2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी सुबाष सिंह को 77791 मत मिले थे. वहीं दूसरे नंबर पर बसपा कैंडिडेट रहे साधु यादव जिन्हें 41039 मत मिले थे. तीसरे नंबर पर महागठबंधन की तरफ से कांग्रेस प्रत्याशी आशिफ गफुर थे,जिन्हें 36460 वोट मिले थे. इस बार साधु यादव नहीं चल पाये. पिछली दफा यादव वोटरों ने साधु यादव के पक्ष में मतदान किया था. यही वजह रही कि उन्हें 41 हजार मत मिले थे. इस बार लालू प्रसाद के साले साधु यादव ने अपनी पत्नी इंदिरा यादव को चुनावी मैदान में उतारा. मामा-मामी से खतरा भांपते हुए तेजस्वी यादव ने यादव वोटरों की गोलबंदी को लेकर काफी मिहनत की थी. नतीजा यह हुआ कि यादव वोटरों ने एकमुश्त वोट राजद कैंडिडेट मोहन गुप्ता के पक्ष में किया. यादव वोटरों की गोलबंदी की वजह से राजद कैंडिडेट काफी कम अंतर से चुनाव हारे. जबकि साधु यादव की पत्नी को महज 8854 मतों से संतोष करना पड़ा. 

बीजेपी में जबरदस्त उत्साह 

गोपालगंज में मिली जीत से भाजपा काफी उत्साहित है। भाजपा नेताओं ने प्रदेश कार्यालय में जश्न मनाया। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी,प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, नेता विरोधी दल विजय सिन्हा ने कहा है कि मोकामा और गोपालगंज की जनता ने लालू- नीतीश के सात दलों के महागठबंधन को नकार दिया है।

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