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तेजस्वी का स्वास्थ्य सिस्टम फेल, ड्यूटी से फरार डॉक्टर के कारण दो परीक्षार्थी की मौत, दो गंभीर, छटपटाते रहे युवक किसी ने नहीं किया इलाज

तेजस्वी का स्वास्थ्य सिस्टम फेल, ड्यूटी से फरार डॉक्टर के कारण दो परीक्षार्थी की मौत, दो गंभीर, छटपटाते रहे युवक किसी ने नहीं किया इलाज

NAWADA : बिहार में स्वास्थ्य सिस्टम को बेहतर करने की तेजस्वी  यादव की कोशिश को उन्ही के डॉक्टर मिट्टी पलीद करने में लगे हुए हैं। इसका बड़ा उदाहरण  नवादा के सदर अस्पताल में देखने को मिला, जहां सड़क दुर्घटना में घायल चार छात्रों को इलाज के लिए लाया गया। लेकिन डॉक्टर नहीं रहने के कारण दो युवक की मौत हो गई। वहीं तीन युवकों की हालत गंभीर बताई जा रही है। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल में ही हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि अगर समय रहते डॉक्टर इलाज शुरू कर देते तो जान बच सकती है। 

 बता दे कि बुधवार को परीक्षा देने के लिए चारों छात्र एक मोटरसाइकिल पर सवार होकर केंदुआ विद्यालय नवादा आ रहे थे। इसी दौरान कादिरंगज थाना क्षेत्र के नल्लापर गांव के समीप ट्रक के चपेट में आने से बाइक सवार चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से सभी घायलों को नवादा के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज नहीं होने के कारण विजय मिस्त्री का पुत्र संकेत कुमार नामक एक युवक की मौत हो गई। । मृतक के परिजन ने कहा कि डॉक्टर नहीं जाने के कारण ही युवक की मौत हुई है। परिजन ने भी जमकर हंगामा किया। और डॉक्टर नहीं रहने के कारण खूब भद्दी भद्दी गालियां भी दी।

 सदर अस्पताल की लापरवाही चरमरा गया है डॉक्टर का सिस्टम

नवादा की सदर अस्पताल इन दिनों काफी सुर्खियों में है क्योंकि यहां पर ना ही कोई सही से ड्यूटी करते हैं ना ही मरीज की सही से इलाज होता है और आलम यारा की सड़क दुर्घटना में पहुंचे चार लोग छटपटाते रहे लेकिन किसी ने इलाज के लिए आगे नहीं आए क्योंकि डॉक्टर ही सदर अस्पताल से फरार थे। और इलाज नहीं होने के कारण एक युवक ने दम तोड़ दिया है। 

बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह नवादा में लचर व्यवस्था के रूप में साबित है। यहां के मरीजों से ना ही व्यवहार से बात की जाती है ना ही उनकी इलाज की जाती है। आए दिन इस तरह की घटना अक्सर देखने को मिलता है। स्वास्थ्य मंत्री की हर दावा बिल्कुल पूरी तरह फेल है। नवादा में रोस्टर में 14 तारीख दर्शा कर डॉक्टर की नाम अलग है। ड्यूटी में डॉक्टर फरार रहते हैं। और अधिकारी मूकदर्शक बनकर अपने चेंबर में बैठकर ड्यूटी में खानापूर्ति करते हैं।

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