BEGUSARAI : बिहार के नंबर वन का दर्जा रखनेवाले बेगूसराय सदर अस्पताल पिछले दिनों जदयू विधायक और यहां के डॉक्टर के बीच हुई कहासुनी को लेकर खूब चर्चा में रहा है। इस विवाद में जदयू विधायक के खिलाफ पीड़ित डॉक्टर ने प्राथमिकी भी दर्ज कराई है। इस विवाद को खत्म हुए कुछ दिन गुजरे हैं कि अब सदर अस्पताल में बच्चों के अदला-बदली के भी आरोप लगने शुरू हो गए हैं। यहां डिलीवरी के लिए आई दो महिलाओं ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्चे को बदलने का आरोप लगाया है। जिसके बाद सदर अस्पताल नए विवाद में घिर गया है।
दरअसल, चिल्हाय रामपुर की रहने वाली निशु कुमारी का प्रसव बीती रात सदर अस्पताल में हुआ। निशु कुमारी का आरोप है कि पहले उसे बताया गया कि उसे लड़का पैदा हुआ है एवं बच्चों को उसके परिजनों को भी सौंप दिया गया। लेकिन लगभग उसी समय मटिहानी की रहने वाली निक्की कुमारी को भी प्रसव हुआ था एवं उसे भी लड़का होने की बात बताई गई थी।
लेकिन निशु कुमारी का आरोप है कि तकरीबन 2 घंटे के बाद उसके परिजनों के गोद से लड़के को छीन लिया गया एवं निक्की कुमारी के परिजनों को सौंप दिया गया। तत्पश्चात वह लोग बच्चे लेकर वहां से चम्पत हो गए। बाद में निशु कुमारी के परिजनों ने सदर अस्पताल प्रबंधन एवं स्वास्थ्य कर्मियों पर आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा।
साथ ही साथ परिजनों का आरोप है कि सदर अस्पताल बेगूसराय में प्रसव के बाद अभिभावकों एवं प्रसूता से अवैध रुपए की भी वसूली की जाती है। साथ ही साथ बच्चा अदला बदली करने के लिए भी परिजनों से पैसे की उगाही की जाती है।
वार्ड में मौजूद अन्य महिलाओं ने भी निशु कुमारी का समर्थन करते हुए कहा कि अस्पताल में मौजूद स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा निशु कुमारी को लड़का होने की बात बताई गई थी एवं लड़का उसे सौंप दिया गया था लेकिन बाद में उसे बदल दिया गया।
प्रबंधन ने किया इनकार
वहीं अस्पताल प्रबंधक पंकज कुमार ने कहा कि लोगों के द्वारा लगाया गया आरोप निराधार है । जब अस्पताल में मौजूद रजिस्टर की जांच की गई तो बच्चा अदला बदली की बात झूठ साबित हुई है ।निशु कुमारी को लड़की हुई थी और निक्की कुमारी को लड़का हुआ था। डॉक्टरों ने भी इस बात की पुष्टि की है और सही जच्चा को उनका अपना बच्चा दिया गया है।
फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की खामियों पर उंगली उठाने वाले विधायक पर IMA डॉक्टरों ने बदसलूकी मामले में FIR दर्ज करवा दी लेकिन बड़ा सवाल ये है क्या MLA के बाद एडमिट मरीज द्वारा जब व्यवस्था पर सवाल उठाएगी तो उससे अस्पताल कैसे बचेगा।