MUMBAI : महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा नाम माने जानेवाले दिग्गज नेता शरद पवार अपने भतीजे व प्रदेश के डिप्टी सीएम अजीत पवार से हार गए हैं। चुनाव आयोग ने शरद पवार को बड़ा झटका देते हुए उनकी पार्टी नेशनल कांग्रेस पार्टी और पार्टी के लोग का अधिकार भतीजे को सौंप दी गई है। बता दें कि महाराष्ट्र में अभी तक इंडी गठबंधन में शामिल पार्टियों के बीच अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हो सका है। ऐसे शरद पवार गुट के लिए यह गहरा आघात है।
बता दें कि पिछले साल अजीत पवार पार्टी के आधे से भी ज्यादा विधायकों के साथ बगावत कर दिया था और महाराष्ट्र की शिंदे गुट वाली शिवसेना और भाजपा की सरकार के साथ गठबंधन कर लिया था। जिसके बाद से पार्टी पर अधिकार को लेकर छह महीने से चाचा-भतीजे में लड़ाई चल रही थी। मामले में 10 से ज्यादा चली सुनवाई में चुनाव आयोग ने (एनसीपी) में जारी विवाद का निपटारा किया। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट के पक्ष में फैसला सुनाया और अजित पवार गुट को ही असली एनसीपी बताया है। उन्हें 'एनसीपी का नाम और प्रतीक' सौंप दिया।
शरद पवार को दिया समय
बता दें कि चुनाव आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनावों को देखते हुए शरद पवार गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने का समय दिया है। साथ ही चुनाव आयोग ने कहा कि पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर एक बार दावा करने का विकल्प दिया गया है और बुधवार दोपहर तक तीन प्राथमिकताएं देने के लिए कहा है।
चुनाव आयोग ने किस आधार पर सुनाया अपना फैसला
चुनाव आयोग ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की रखरखाव के निर्धारित परीक्षणों का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी दोनों बहुमत के परीक्षण शामिल हैं।
चुनाव आयोग ने कहा, विधायी विंग में बहुमत के परीक्षण को मामले की इस परिस्थिति में अनुकूल पाया गया, जहां दोनों समूहों को पार्टी संविधान और संगठनात्मक चुनावों के बाहर काम करते पाया गया है।