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इंटरनेशनल हुए पटना के साइबर ठग, घर बैठे-बैठे अमेरिका के लोगों को लगा रहे थे चूना, हर महीने लगा रहे थे करोड़ों की चपत

इंटरनेशनल हुए पटना के साइबर ठग, घर बैठे-बैठे अमेरिका के लोगों को लगा रहे थे चूना, हर महीने लगा रहे थे करोड़ों की चपत

PATNA : पिछले एक डेढ़ साल में पटना में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़े हैं। यूं कहें कि अब पटना साइबर ठगी का हब बनता जा रहा है तो गलत नहीं होगी। अब तक पटना से बिहार और देश के दूसरे राज्यों में साइबर ठगी किए जाने के मामले सामने आते थे। लेकिन अब पुलिस ने ऐसे साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ का भंडाफोड़ किया है, जो इंटरनेशनल स्तर पर ऑनलाइन लोगों के पैसे हड़पने का काम कर रहे थे। मामले में दीघा पुलिस ने तीन युवकों को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद यह खुलासा हुआ है। 

दीघा थाने की पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ किया है। कोलकाता के मो. दानिश, आमिर सिद्दिकी व बीरभूम के सब्बीर अहमद को गिरफ्तार किया। इनका सरगना मनेर का पिंटू सिंह है। पिंटू के घर भी छापेमारी हुई। वह गिरफ्तार नहीं हो सका। पुलिस ने पिंटू के घर और पाटलीपुत्र स्थित फर्जी कॉल सेंटर से 10.50 लाख नगद, 1.79 लाख की ज्वेलरी की रसीद, 50 हजार की बैंक पर्ची, एक लैपटॉप, एक सीपीयू, दो पेन ड्राइव, तीन कार्ड रीडर, तीन मेमोरी कार्ड, तीन मोबाइल, दो बाइक, एक डायरी और सात पासबुक बरामद किया है। 

बीबीए पास है सरगना

गिरफ्त में आया दानिश कोलकाता से बीबीए कर चुका है। सब्बीर बीकॉम तक की पढ़ाई कर चुका है और आमिर बीएससी किया हुआ है। तीनों पहले कोलकाता में ही कॉलसेंटर में काम करते थे। वहीं पिंटू सिंह से तीनों की मुलाकात हुई। पिंटू उन्हें 30 से 35 हजार रुपए महीना देता है और प्रति डॉलर दो रुपया कमीशन भी। तीनों की फर्राटेदार अंग्रेजी सुन सिटी एसपी भी चौंक गए।

इस तरह आए पकड़ में

17 सितंबर को दीघा थाने की पुलिस ने सुबह तीन लड़कों को एशियन हॉस्पीटल के पास चाय पीते हुए देखा। नए चेहरे थे। संदिग्ध लग रहे थे। पुलिस ने पूछताछ की। मोबाइल को जांचा। शक गहराया तो थाने ले आई। दीघा थानेदार राजकुमार पांडेय ने कड़ाई की तो गिरोह का भंडा फूट गया। पता चला कि सरगना पिंटू है जो पाटलिपुत्र में एक कॉल सेंटर खोल रखा है जिसमें तीनों काम करते हैं। पटना में बैठ ये जालसाज थॉमस, डैनियल, फ्रैंक, आदि बनकर अमेरिका में फोन करते थे। हर महीने करोड़ों ठग लेते थे। सिटी एसपी अंबरीश राहुल ने बताया कि ईओयू की मदद ली जाएगी।

अंग्रेजी सुन एसपी भी हो गए हैरान

गिरफ्त में आया दानिश कोलकाता से बीबीए कर चुका है। सब्बीर बीकॉम तक की पढ़ाई कर चुका है और आमिर बीएससी किया हुआ है। तीनों पहले कोलकाता में ही कॉलसेंटर में काम करते थे। वहीं पिंटू सिंह से तीनों की मुलाकात हुई। पिंटू उन्हें 30 से 35 हजार रुपए महीना देता है और प्रति डॉलर दो रुपया कमीशन भी। तीनों की फर्राटेदार अंग्रेजी सुन सिटी एसपी भी चौंक गए।

रिंट सेंटर जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल

यह जालसाजी का नया तरीका है। शातिर रिंट सेंटर, स्काइप, टेक्स्ट नाउ जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे। कोई अमेरिकी जैसे ही पॉर्न वेबसाइट अपने सिस्टम पर खोलता तो उसके सिस्टम में मालवेयर/रैनसमवेयर को ये शातिर डाउनलोड करवा देते थे। फिर ठीक करने का झंसा देकर सर्विस देने के लिए एग्रीमेंट का बहाना बना 10 से 15 हजार डॉलर तक की ठगी करते थे।


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