KISHANGANJ : जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली रतुआ नदी ने बारिश शुरु होने के साथ ही रौद्र रूप धारण कर लिया है। जिससे हवाकोल पंचायत स्थित मध्य विद्यालय का अंश टूटकर रेतुआ नदी के गर्भ में धीरे धीरे समा रहा है।
तस्वीरों में आप देख सकते है कि किस तरह से शिक्षा का मंदिर टूटकर नदी में विलीन होते नजर आ रहा है। विद्यालय के जमीन दाता का कहना है कि उन्होंने गांव के बच्चों के उज्वल भविष्य के लिए अपना कीमती जमीन विद्यालय निर्माण के लिए दान दिया था। वर्ष 2020 से ही विद्यालय को बचाने का प्रयास जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही से विद्यालय नदी में समाता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब गांव में स्कूल निर्माण के लिए कोई भूमि दाता दोबारा अपनी भूमि दान करने के लिए तैयार नहीं होंगे। ऐसे में गांव के बच्चें की शिक्षा कैसे हो पायेगा। ये चिंता ग्रामीणों को सता रही है।
किशनगंज से साजिद हुसैन की रिपोर्ट