पटना: बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव बढ़ता हीं जा रहा है. 8 अप्रेल को शिभा विभाग ने बैठक बुलाई तो छठी बार शिक्षा विभाग की बैठक में भाग लेने कुलपति नहीं पहुंचे. राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने मंगलवार राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के वीसी की बैठक बुलाई. इसमें शिक्षा विभाग के अपर सचिव केके पाठक को भी बुलाया गया था. लेकिन इस बैठक में केके पाठक शामिल नहीं हुए.
शिक्षा विभाग विश्विद्यालय के कामों में विघ्न उत्पन्न कर रहा है-राज्यपाल
बैठक में राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि बीते एक साल से राज्य के विश्वविद्यालयों में परीक्षाएं समय पर कराने एवं सत्र नियमित करने के लिए काफी प्रयास किए गए हैं. इसके अच्छे परिणाम भी सामने आए हैं. उन्होंन कहा कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारी उच्च शिक्षा को बाधित करने की नियत से विश्वविद्यालय के सत्र को पटरी पर लाने समेत अन्य कार्यों में बाधा डाल रहे हैं. राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर द्वारा मंगलवार को आयोजित विश्वविद्यालयों के मुद्दों पर बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक फिर नहीं पहुंचे
शिक्षा विभाग के पदाधिकारी चाहते हैं कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था फिर से पुरानी स्थिति में आ जाए- राज्यपाल
राज्यपाल ने कुलपतियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग के पदाधिकारी चाहते हैं कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था फिर से पुरानी स्थिति में आ जाए. राज्यपाल आर्लेकर ने कहा कि राजभवन और शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय, एक साथ मिलकर प्रयत्न करने से ही बिहार के शैक्षिक वातावरण को बेहतर बनाया जा सकता है.
परीक्षा नियमित करने का आदेश
राज्यपाल ने कुलपतियों को निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय और छात्र-थात्राओं के हित में कार्य करें, परीक्षाएं समय पर आयोजित कराई जाएं, ताकि बच्चों का भविष्य अंधकारमय नहीं हो.
विश्वविद्यालय के काम शिक्षा विभाग के फैसले से हो रहे बाधित
वहीं राज्यपाल से कुलपतियों ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की शिकायत की. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के बैंक खातों के संचालन पर शिक्षा विभाग की ओर से रोक लगी दी गई है. इसके चलते वेतन एवं पेंशन, आयकर, बिजली बिल, भविष्य निधि, एनपीएस एवं दैनिक कार्यों के साथ-साथ परीक्षाओं के संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन आदि कार्य भी बाधित हैं. उन खातों के संचालन पर भी रोक लगा दी गई है, जिनमें सिर्फ विद्यार्थियों के पैसे हैं, इससे व्यावसायिक कोर्स के संचालन में भी दिक्कत आ रही है. बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को भी बुलाया गया था, पर वह इसमें शामिल नहीं हुए.
शिक्षा विभाग राज्यपाल और कुलपतियों को कर रहा है बदनाम- कुलपति
बैठक में कुलपतियों ने बताया कि शिक्षा विभाग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने अथवा उनका वेतन आदि रोकने का कोई अधिकार नहीं है. नियमानुसार सिर्फ कुलाधिपति ही ऐसा कर सकते हैं. शिक्षा विभाग सिर्फ इसकी अनुशंसा कर सकता है.कुलपतियों का कहना था कि सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसा प्रचारित किया जा रहा है कि शिक्षा विभाग बिहार में उच्च शिक्षा को बेहतर करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन राजभवन और कुलपति इसमें बाधक बन रहे हैं.
विश्वविद्यालय में सुधार शिक्षा विभाग को पसंद नही
कुलपतियों ने बताया कि बीते एक साल से राजभवन और कुलपतियों के प्रयास से परीक्षाएं समय पर आयोजित कराई जा रही हैं और सत्र नियमित किए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को यह पसंद नहीं है और वे इसमें बाधा डाल रहे हैं. राज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उनके प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू, बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति आदि उपस्थित रहे.
छठी बार शिक्षा विभाग की बैठकमें नहीं पहुंचे कुलपति
बता दें 8 अप्रैल को शिक्षा विभाग की बैठक में सात विश्वविद्यालय के कुलपतियों को बुलाया गया था. इससे पहले राजभवन में 20 मार्च को कुलपतियों की हुई बैठक में जिन समस्याओं की ओर विश्वविद्यालयों ने ध्यान आकृष्ट कराया था, उसी संदर्भ में शिक्षा विभाग ने यह बैठक बुलायी थी.