PATNA : पटना हाईकोर्ट ने औरंगाबाद के डीएम द्वारा झूठा हलफनामा जमा करने को लेकर तलब किया है। बताया जा रहा है कि इस मामले में डीएम पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। वहीं औरंगाबाद के एसपी से भी हाईकोर्ट ने हत्या के एक केस के मामले में जबाव देने के लिए कहा है।
झूठा हलफनामा जमा करने का आरोप
न्यायमूर्ति मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने अतिक्रमण हटाने के बारे में हाईकोर्ट में हलफनामा देकर अतिक्रमण हटा दिए जाने के बारे जानकारी दी है, जबकि हाईकोर्ट की ओर से कोर्ट कमिश्नर से स्थल निरीक्षण जांच कराने पर पता चला अतिक्रमण नहीं हटाया गया है। कोर्ट कमिश्नर की स्थल जांच रिपोर्ट देख कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि डीएम ने अतिक्रमण हटा देने का हलफनामा दायर किया है जबकि हकीकत कुछ और ही है।
आज कोर्ट में उपस्थित होने के निर्देश
कोर्ट ने डीएम की कार्यशैली पर हैरानी जताते हुए कहा कि डीएम जैसे प्रतिष्ठित पद पर बैठे लोग जब कोर्ट में झूठा हलफनामा दायर करते हैं तब कैसे कोर्ट न्यायिक कार्य करेगा। कोर्ट ने अगली तारीख 29 सितंबर को डीएम को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया।
औरंगाबाद के एसपी भी दो नवंबर को तलब
इधर, हत्या के एक फरार अभियुक्त को कोर्ट के आदेश के बाद भी गिरफ्तार नहीं किये जाने पर हाइकोर्ट ने औरंगाबाद के एसपी को दो नवंबर को तलब किया है। न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठ ने इस बात पर हैरानी जताई कि पिछले पांच वर्षों से हत्याकांड के नामजद अभियुक्त को गिरफ्तार करने के लिए गिरफ्तारी वारंट तक जारी नहीं किया जा सका है, जबकि दूसरे नामजद अभियुक्तों में से एक के खिलाफ बहुत पहले ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है। आवेदक के वकील ने कोर्ट को बताया कि पुलिस कर्मी की विदाई समारोह में अभियुक्त थानेदार के साथ खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं। इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि जिला के एसपी पूरे प्रकरण की फौरन जांच करें। आरोप सत्य पाए जाने पर थानेदार सहित आईओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी करवाई करें।
गौरतलब है कि 2016 में देव थाना अंतर्गत मुखिया पद के चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्याशी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।