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सीतामढ़ी लोकसभा सीट को लेकर जदयू में नहीं थम रहा घमासान, प्रदेश महासचिव ने देवेश चन्द्र ठाकुर के दावे को किया खारिज, कहा आज़ादी के बाद से रहा अति पिछड़ा समाज का कब्ज़ा

सीतामढ़ी लोकसभा सीट को लेकर जदयू में नहीं थम रहा घमासान, प्रदेश महासचिव ने देवेश चन्द्र ठाकुर के दावे को किया खारिज, कहा आज़ादी के बाद से रहा अति पिछड़ा समाज का कब्ज़ा

SHEOHAR : लोकसभा चुनाव में अब कुछ महीने ही शेष बचे हैं। इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियाँ जहाँ तैयारियों में जुट गयी है। वहीँ राजनीतिक दलों से जुड़े नेता अभी से टिकट की जुगाड़ में लग गए हैं। इसी कड़ी में जदयू की ओर से बिहार विधान परिषद् के सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर ने सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर अपना ठोक दिया है। हालाँकि उनके इस दावे का जदयू नेता ही विरोध करने लगे हैं। 

जदयू के प्रदेश महासचिव और शिवहर जिले के प्रभारी राणा रंधीर सिंह चौहान ने कहा की आज़ादी के बाद से सीतामढ़ी से अति पिछड़ा समाज के लोग चुनाव लड़ते रहे हैं। यहाँ रनर और विनर पिछड़ा समाज के लोग ही होते हैं। चौहान ने कहा उनके दावे को लेकर अगर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का घोषणा है तो हम उसका स्वागत करेंगे। लेकिन खुद जो अपने को उम्मीदवार बता रहा हैं। इसका मतलब यह है की वह पिछड़ा का हक़ ले रहा हैं। उनके मान और सम्मान से खेल रहा हैं। 

यहीं नहीं देवेश चन्द्र ठाकुर ने यह भी कहा है की अति पिछड़ा की लड़ाई लड़नेवाले अंधे हैं। वे कौवे हैं। जबकि इन्हीं की बदौलत वे स्नातक की सीट चार बार जीते हैं। चौहान का आरोप है की ठाकुर ने महाराणा प्रताप के वंशज को अँधा कहा। सम्राट अशोक के वंशज को गाली दिया। चौहान ने कहा की देवेश चन्द्र ठाकुर बौखला गए हैं। कहा की हम उनका विरोध नहीं कर रहे हैं। वह अति पिछड़ों की लड़ाई लड़ रहे हैं। 2026 में उनका चुनाव होनेवाला है। जिसमें उन्हें गाली देने का परिणाम पता चल जायेगा। 

देवेश चन्द्र ठाकुर को टिकट मिलने के सवाल पर चौहान ने कहा की ऐसा नीतीश कुमार कतई नहीं करेंगे। कहा की नीतीश कुमार अति पिछड़ों को सम्मान देने के लिया संकल्पित हैं। संघर्ष कर रहे हैं। उनसे अपेक्षा हैं की वे अतिपिछडा का सीट छिनकर दुसरे को सीट देंगे।

मनोज कुमार की रिपोर्ट  

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