दरभंगा - कुवैत में एक रिहायशी इमारत में आग लगने से 42 भारतीय कामगार की मौत हो गई थी। जिसमे से एक दरभंगा जिला के नैनाघाट गांव निवासी मदीना खातून के बड़ा बेटा कालू खान भी इस अग्निकांड का शिकार हो गया था। जिसका शव 14 दिन बाद घर पंहुचा। शव पहुंचते ही घर मे एक बार फिर कोहराम मच गया। कालू खान की जुलाई में शादी होनी थी और वो निकाह के लिए भारत आने वाला था। उससे पहले कालू का जनाजा आ गया।
जिस समय कालू का शव पहुंचा उस वक्त लोकल थाना के एक अधिकारी और श्रम अधिकारी मौजूद थे।
कालू अपने तीन भाई में मझला भाई था। उसकी तीन बहन थी। जिसमें से एक बहन की पहले ही मौत हो गई थी, जिसके बेटे की भी देखभाल वहीं करता था। घर में कालू इकलौता कमाने वाला था, जिससे घर का भरण पोषण होता था।
अगस्त 2022 में वह आखिरी बार गांव आया था। उसके पिता इस्लाम की भी मृत्यु 2011 में हो चुकी है। कालू लंबे समय से कुवैत में रहकर काम कर रहा है। वहां पर सुपर मार्केट में सेल्समैन का काम करता था, जिसके कंपनी का नाम एनबीटीसी था।