SASARAM : खबर सासाराम से है। सासाराम के सदर अस्पताल परिसर में डॉक्टरों तथा स्वास्थ्य कर्मियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बन रहे स्टाफ क्वार्टर इन दिनों तबेला बन गया हैं। आसपास के लोग अब इसमें अपना मवेशी बांधते हैं। कारण यह है कि जो ठेकेदार संवेदक इसका निर्माण करा रहा था, वह बीच में ही काम छोड़ कर भाग गया। समय पर भुगतान नहीं होने का हवाला देते हुए 50 से अधिक आवासीय क्वार्टर इन दिनों तबेला के रूप में उपयोग होता है।
भवन निर्माण विभाग द्वारा करोड़ों की लागत से अस्पताल परिसर में स्टाफ क्वार्टर का निर्माण कराया जा रहा था। पूरी कॉलोनी बसाई जा रही थी। जिसका लगभग 80% से अधिक काम पूरा हो चुका है। सिर्फ बिजली तथा पानी के कनेक्शन अभी बाकी है। लेकिन संवेदक के बीच में छोड़ देने के उपरांत भवन निर्माण विभाग से बिहार मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड बीएमआरसीएल ने इसे अपने अधीन ले लिया है तथा बाकी का काम अब वही करवाएगी।
सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. केएन तिवारी बताते हैं कि कई साल पहले ही संवेदक बीच में ही काम छोड़कर चला गया। ऐसे में अस्पताल के अगल बगल वाले लोग इसे तबेला के रूप में उपयोग करने लगे हैं। अगर इसका निर्माण हो जाए तो स्वास्थ्य कर्मियों को शहर में निजी आवास के लिए भटकना नहीं पड़ेगा और सभी लोग एक ही जगह रहेंगे। जिससे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों को मिल पाएगी। तस्वीरों में देख सकते हैं किस प्रकार डॉक्टरो को रखने के लिए बनाया गया कमरे में यहां भैंस गाय बांधे जा रहे हैं। यह कहे कि पूरा परिसर का उपयोग तबेला के रूप में हो रहा है।
सीएस ने कहा वह सात साल से ऐसे ही देख रहे हैं
बड़ी बात यह है कि जिले के सिविल सर्जन खुद इस बात को मानते हैं कि वह सात साल से इन क्वार्टरों को ऐसे ही देख रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने स्तर पर इन क्वार्टरों को पूरा कराने की कोशिश नहीं की। अब भी उनका कहना है कि नए ठेकेदार से काम पूरा कराया जाएगा, लेकिन यह काम कब तक पूरा होगा और कब अस्पताल के डॉक्टर और दूसरे स्टाफ को यह क्वार्टर नसीब होगा, यह स्पष्ट नहीं है।