बिहटा -औरंगाबाद रेललाइन के अनशन कर रहे अनशनकारियों की बिगड़ी तबियत, अस्पताल में चल रहा है इलाज

बिहटा -औरंगाबाद रेललाइन के अनशन कर रहे अनशनकारियों की बिगड़ी तबियत, अस्पताल में चल रहा है इलाज

PATNA : बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना को शुरू करने के लिए बनी रेलवे लाइन संघर्ष समिति के दर्जनों सदस्यों और सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा पिछले 7 दिनों से 24 घंटो लगातार रात दिन अनिश्चितकालीन आमरण अनशन किया जा रहा है. इसी कड़ी में एक दर्जन से अधिक आंदोलनकारीयों में रेलवे संघर्ष समिति के संयोजक और चंदन वर्मा और मुखिया संघ के अध्यक्ष आनंद कुमार यादव की आज अचानक देर शाम तबीयत बिगड़ गई. दोनों देखते ही देखते बेहोश हो गए. बोल चाल करना बंद कर दिया. उन्हें बेहतर इलाज के लिए आनन्न फानन में पालीगंज PHC अस्पताल में भर्ती किया गया, जहाँ स्थानीय डाक्टरों द्वारा ईलाज किया जा रहा है. 

यह खबर आग की तरह फ़ैल गई. देखते ही देखते इन दोनों को देखने और हाल चाल जानने के लिए भीड़ जुटने लगी. दोनों को काफ़ी देर स्लाइन चढने के बाद थोड़ी बहुत हालत में सुधार दिखी. फिर भी स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है. वही आज सातवे दिन भी कोई केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि सुधि लेने नहीं पहुंचा, जबकि कुछ ही दुरी पर राज्य सरकार के एक मंत्री का भी आज पालीगंज में कार्यक्रम था. लेकिन उन्होंने इन अनशनकारियों को देखने की जहमत नहीं उठाई.

वही स्थानीय विधायक संदीप सौरभ और कामरेड अनवर हुसैन समेत उनके पार्टी भाकपा माले के कई नेता धरना स्थल पर पहुंच कर अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठे अनशणकारियों को भरपूर समर्थन देते हुए केंद्र सरकार पर जमकर प्रहार करते हुए कहा यह सरकार संवेदनहीन हो चुकी है. लगातार 9 वर्षों से देश की जनता को मूर्ख बनाते हुए अपनी मन की बातें कहते हुए नहीं आघाते. लेकिन दूसरी तरफ उन्हें बिहार की जनता द्वारा बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना को शुरू करने के लिए जो आवाज उठाई जा रही है. उन्हें सुनाई नहीं दे रही है. 

उन्होंने कहा की लगभग 6 जिलों को जोड़ने वाली यह परियोजना करोड़ों लोगों को लाभान्वित करेगी. साथ ही क्षेत्र की चौमुखी विकास के द्वार भी खुल जाएंगे. लेकिन क्या कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी इस क्षेत्र की जनता की मन की बात क्यों नहीं सुन रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीख चीख कर देश की विकास की खोखली दावे करते हैं. लेकिन इस क्षेत्र की जनता के लिए जो परियोजना वरदान साबित हो सकती है. यह उन्हें क्यों दिखाई नहीं दे रही. जबकि इस क्षेत्र की जनता लगातार पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र के साथ साथ औरंगाबाद, जहानबाद और काराकाट संसदीय क्षेत्र से भजपा और NDA सांसदों को जीता कर लगातार संसद में भेजी रही है. क्या जिसका पुरस्कार बिहटा -औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना की मृत घोषित कर दे रहे हैं.

पालीगंज से अमलेश की रिपोर्ट

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